बिलासपुर । पूरे प्रदेश में जहाँ कांग्रेस की वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार मुक्त छत्तीसगढ़ बना कर “गड़बो नवा छग” के स्लोगन को सच्चाई ने बदलना चाह रही वही मस्तूरी की प्राथी कु पूजा पंकज द्वारा जनपद में शिकायत दर्ज कराया गया था कि शासकीय पशु चिकित्सालय मस्तूरी में पदस्थ डॉ पी के अग्निहोत्री ने उसके कुत्ते को रेबीज इंजेक्शन के नाम से 700 रु ले लिये और जबकि प्राथी द्वारा शासकीय पशु चिकित्सालय की 5 रु की पर्ची भी कटाई गयी थी दो दिनों बाद उसके कुत्ते की मृत्यु हो गई।प्राइवेट बाजार में रेबीज इंजेक्शन की कीमत 100-150 रु की होती है जबकि शासकीय अस्पताल में रेबीज की कीमत को 25 रु निर्धारित किया गया है।इसकी शिकायत कु पूजा पंकज द्वारा जनपद पंचायत में लिखित में किया गया।जिस पर संज्ञान लेते हुए जनपद सीईओ द्वारा पत्र क्रमांक 2955 दिनांक 15.3.21 को पशुविभाग को नोटिस जारी किया गया । इस प्रकरण को मार्च माह में हुए जनपद पंचायत की सामान्य सभा बैठक में भी जनपद सदस्यों द्वारा मस्तूरी विधायक की उपस्थिति में उठाया गया। और मांग किया गया कि इसकी उच्च स्तरीय जांच करा कर दोषी अधिकारी डॉ अग्निहोत्री के खिलाफ कार्यवाही हो।परन्तु 3 माह बीत जाने के बाद भी पशु विभाग बिलासपुर द्वारा अभी तक जांच नही कराई गई है जिससे प्रतीत होता है कि डॉ अग्निहोत्री को उच्च अधिकारियों से सांठगांठ है।पूर्व में भी डॉ अग्निहोत्री पशु चिकित्सालय सीपत में पदस्थ था उस समय भी विभगीय कार्यो में लापरवाही के कारण तत्कालीन बिलासपुर कमिश्नर श्री वोरा ने इनकी वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिये थे।सीपत क्षेत्र के पशुपालको एव जनप्रतिनिधियों ने इनकी शिकायत विभगीय मंत्री से भी किया था जिसके कारण इनका स्थान्तरण बिलासपुर जिले से बाहर किया गया था।बाद में डॉ अग्निहोत्री ने अपना स्थान्तरण आदेश संशोधित करा कर पशु चिकित्सालय मस्तूरी करा लिया। अब देखने वाली बात है कि ऐसे दोषी डॉक्टर पर विभाग और शासन कब कार्यवाही करेगा।