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सफलता की कहानी – मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की मदद से गुलाबचंद ने शुरू किया व्यवसाय

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खण्डवा । गुलाबचंद पिता श्रीराम बंशाले उम्र 30 वर्ष  ग्राम बलरामपुर पंधाना के निवासी है। गुलाबचंद की बोरगाँव बुजुर्ग में एक इलेक्ट्रानिक रिपेयरिंग की छोटी सी दुकान थी, जिसका मासिक किराया 2000 रूपये प्रतिमाह था। इन्हे प्रतिमाह 5000 से 6000 रूपये की बचत दुकान की किराया अदा करने के बाद होती थी। जिससे इनके परिवार का पालन – पोषण होने में बड़ी कठिनाईया हो रही थी। उनके दोस्त ने शासन की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण लेने की सलाह दी गई। गुलाब चंद ने इलेक्ट्रानिक दुकान एवं रिपेयरिंग ऋण हेतु आवेदन पत्र एम.पी ऑन लाईन से प्रस्तुत किया गया। उसकी शैक्षणिक योग्यता 8 वी उत्तीर्ण है व उसके परिवार में 5 सदस्य है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत आदिवासी वित्त एवं विकास निगम कार्यालय को प्राप्त आवेदन चयन समिति के अनुमोदन उपरांत गुलाबचंद को इलेक्ट्रानिक दुकान एवं रिपेयरिंग व्यवसाय हेतु चयन किया गया। आदिवासी वित्त एवं विकास निगम कार्यालय द्वारा गुलाबचंद का ऋण प्रकरण भारतीय स्टेट बैंक बोरगाँव को प्रेषित किया गया। बैंक द्वारा योजनांतर्गत इलेक्ट्रानिक दुकान एवं रिपेयरिंग व्यवसाय हेतु राशि रू 2,50,000 रूपये स्वीकृत किये। निगम द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत नियमानुसार अनुदान राशि 75000 रूपये जारी की गई । बैंक द्वारा 250000 रूपये ऋण इलेक्ट्रानिक दुकान एवं रिपेयरिंग हेतु प्रदाय किया गया। ऋण प्राप्ति के पूर्व गुलाबचंद की मासिक आय 8000 रूपये थी। वर्तमान में बैंक को इलेक्ट्रानिक दुकान एवं रिपेयरिंग मासिक किश्त 3900 रूपये अदा करने के बाद अब इन्हें मासिक 12000 से 15000 रूपये की आय हो रही हैं। बैंक ऋण की किश्त भरने के पश्चात् अपने परिवार का पालन पोषण बेहतर तरीके से कर रहे है व परिवार का आर्थिक स्तर सुधारने में शासन की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना संजीवनी की तरह नया जीवन देकर उत्साह का संचार करने वाली हैं।

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