भोपाल ।कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए पूरे देश में केंद्र सरकार वैक्सीन लगवाने पर जोर दे रही है। लेकिन भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय को इस बात की भी जानकारी नहीं है कि इन वैक्सीन को किसने बनाया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सूचना के अधिकार के तहत वैक्सीन को बनाने वाले वैज्ञानिकों के बारे में जानकारी देने के बजाए अपील को अन्य विभागों को ट्रांसफर कर दिया गया।
भारत में दो स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। इन वैक्सीन को विकसित करने वालों के बारे में जानकारी इक_ा करने के लिए युवक कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जयेश गुरनानी ने 3 जून को ऑनलाइन सूचना के अधिकार के तहत याचिका लगाई थी। इस पर स्वास्थ्य विभाग से इन दोनों वैक्सीन को विकसित करने वालों के नाम, वैक्सीन के क्लीनिकल और ह्यूमन ट्रायल से जुड़ी जानकारी के दस्तावेज, इन वैक्सीन का पहला डोज कब लगा था, उससे जुड़े दस्तावेजों की जानकारी मांगी थी। लेकिन भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इस अपील की जानकारी देने के बजाए इसे अपने से जुड़े तीन अन्य विभागों इंडियन मेडिकल काउंसिल, सेंट्रल स्टैंडर्ड ड्रग ऑर्गनाइजेशन, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी को ट्रांसफर कर दिया है। वहीं अभी तक इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। वहीं, याचिका लगाने वाले जयेश गुरनानी का कहना है कि चूंकी वैक्सीन से जुडे सभी काम केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के अधीन ही हुए हैं और वैक्सीन संबंधी सभी अध्यादेश और आदेश केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने ही जारी किए हैं। इसलिए उनसे जानकारी मांगी थी। लेकिन विभाग ने जानकारी देने के बजाए अपील को ही ट्रांसफर कर दिया है। अभी तक कोई जानकारी मुझे उपलब्ध नहीं हुई है। यदि जानकारी नहीं दी गई तो मैं इसके खिलाफ अपील करूंगा।