बैतूल। आमला जनपद पंचायत के उपयंत्री पीयूष कश्यप को लेकर नित नए-नए खुलासे हो रहे हैं। एक समय दो-दो सेक्टर संभालने वाले इस उपयंत्री को लेकर क्षेत्रीय पंचायतों के जनप्रतिनिधियों में नाराजगी देखी जा सकती है और गाहे-बगाहे वही लोग अपना दुखड़ा बताने लगते है कि उपयंत्री कश्यप के मार्गदर्शन में मनरेगा सहित अन्य योजनाओं में किस तरह के निर्माण कार्य हुए है। हालात यह है कि रपटा बनता नहीं था और राशि पहले निकल जाती थी।
जानकारी के मुताबिक उपयंत्री कश्यप के बाद दो सेक्टर थे जिसमें जंबाड़ा, ससुन्द्रा भी शामिल थे। अपनी दोनों सेक्टर की पंचायतों में उपयंत्री कश्यप ने जिस तरह से काम किया है उसको लेकर लोगों में गहरा असंतोष है और भ्रष्टाचार के आरोप तक लग रहे हैं। अब इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह समझने के लिए विस्तृत जांच होना नितान्त आवश्यक है। बताया गया कि यदि ससुन्द्रा, नांदपुर, रमली, रंभाखेड़ी, परसोड़ा, लालावाड़ी में हुए निर्माण कार्य की जांच की जाए तो बहुत कुछ सामने आ सकती है। जैसे ग्राम पंचायत ससाबड़ में बल्लाचाल से नांदपुर मार्ग, ससाबड़ से मोरणढाना और ससाबड़ से बल्लाचाल मार्ग में हुए निर्माण कार्य में आरोप है कि फर्जी तरीके से पैसे का आहरण हुआ है। जबकि ससाबड़ से मोरणढाना पुराने मार्ग पर उस अधूरे रपटे में पूरी राशि पहले निकाल ली गई जिसका निर्माण कार्य अभी भी प्रगतिरत है।