तहिर अली, जोहार छत्तीसगढ़
रतनपुर। अखंड सौभाग्य का पर्व वट सावित्री पूजा संस्कार भारती महिला ईकाई द्वारा उत्साह के साथ मनाया गया।काल्हामार नाला के किनारे संस्कार भारती महिला ईकाई द्वारा कोरोना को ध्यान मे रखते हुए अलग अलग समूहो मे यह पर्व मनाया गया संस्कार भारती मातृशक्ति प्रमुख वर्षा श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा की मेरा सदैव यह मानना है कि हमारा सनातन धर्म हमारी मताओ, बहनो, बेटीयो और धर्म-परायण नारियों के वजह से फल फूल रहा है।हमारे सनातन धर्म में आडम्बर का कोई जगह नहीं है। हम सदैव से पेड़ पौधे,नदी पहाड़ पत्थर को भगवान् मानकर प्रकृति पूजा को बढ़ावा देते आये है वट सावित्री का पर्व इसका साक्षात् प्रमाण है, कोरोना काल मे आक्सीजन की कमी ने हमे और ज्यादा सजग और चिंतन शील बनाया है इसलिए हम सभी बहनो ने वट सावित्री पर बरगद के वृक्ष रोपित किये और हर साल वटसावित्री पर इन पौधा का जन्मोत्सव वटमहोत्सव के रूप मे मनाने का संकल्प भी लिया,ताकि पौधा रोपण के साथ ही उसकी सुरक्षा की भी चिंता हो,सर्वप्रथम वैदिक रीति रिवाज से वटवृक्ष की पूजा की गई और “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमःका जाप करते हूए वट वृक्ष का 108बार प्रदीक्षणा कर यथा शक्ति नैवेद्य अर्पित कर पति की दिर्घायु की मंगल कामना की गई। प्रथम समूह मे संस्कार भारती की मातृशक्ति प्रमुख वर्षा श्रीवास्तव, पूर्व पार्षद ब्रह्माणी कश्यप, ममता श्रीवास्तव, सीमा साहू, सावित्री साहू ने पूजा अर्चना की वही दुसरे दल मे नीलू पांडेय, माधवी कश्यप के साथ अन्य सदस्यों ने पूजा की इस आयोजन को सफल बनाने मे संस्कार भारती रतनपुर के अध्यक्ष, शुकदेव कश्यप, मंत्री, दिनेश पांडेय, कोषप्रमुख मुकेश श्रीवास्तव साहित्यकार ब्रजेश श्रीवास्तव ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।