भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस संकटकाल के दौरान प्रदेश में 22,670 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया रुक गई थी अब वह प्रक्रिया पुन: प्रारंभ हो गई है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकरियों के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोनाकाल में रोजगार सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए 22,670 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी पर कोरोना संकट की वजह से प्रक्रिया रुक गई थी। इसे अब फिर प्रारंभ किया गया है ताकि रिक्त पदों को भरकर शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रख सकें। वहीं, स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की जा रही है। दूसरी लहर में आर्थिक स्थितियां न गड़बड़ाएं, इसके लिए सरकार ने अपने स्तर पर हरसंभव कोशिश की है और पथ विक्रेताओं के साथ श्रमिक व किसानों के खातों में राशि जमा कराई गई है, पर यह समाधान नहीं है। रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे। इसके लिए सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएं। इसी सोच के साथ पथ विक्रेताओं के व्यवसाय को पटरी पर लाने के लिए बैंकों से सरकार की गारंटी पर 10-10 हजार रुपये का ऋण दिलाया गया है। जैसे ही वे यह राशि चुकाएंगे, उन्हें 20 हजार रुपये की पात्रता मिल जाएगी। इस प्रकार अधिकतम 50 हजार रुपये तक का ऋ ण मिल जाएगा। यह योजना आगे भी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल में शहरी और ग्रामीण पथ विक्रेताओं को एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई ताकि काम बंद होने की वजह से परेशानी न आए। इसी तरह श्रमिकों के खातों में राशि डाली गई। किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के माध्यम से राशि दी गई।