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मंदिर ‎के ‎लिए धन संग्रह के दौरान हुई हिंसा पर क्या कार्रवाई की

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   भोपाल । उत्तरप्रदेश के अयोध्या में श्री राम मंदिर के लिए धन संग्रह के उद्देश्य से निकाली गई रैलियों में हुई सांप्रदायिक हिंसा और मंदिर के नाम पर अल्पसंख्यक वर्ग से की जा रही जबरन चंदा वसूली को लेकर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से छह सप्ताह के अंदर जवाब तलब ‎किया है। इस मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ‎सिंह की ओर से दायर एक जनहित याचिका में सोमवार को पहली सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर उसने क्या कार्रवाई की और हिंसा में जिन लोगों को नुकसान हुआ है उन्हें मुआवजे के बतौर क्या राहत दी गई। सरकार को छह सप्ताह में जवाब देना है। अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी। हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता रविंद्रसिंह छाबड़ा के माध्यम से दायर की है। याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता श्री राम मंदिर के निर्माण का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन जबरन चंदा वसूली पर रोक लगनी चाहिए। खुफिया विभाग पहले ही आशंका व्यक्त कर चुका था कि रैलियों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हो सकती है, बावजूद इसके लापरवाही बरती गई। मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह के उद्देश्य से निकाली गई रैलियों में इंदौर, उज्जैन, धार, मंदसौर जिलों में कई स्थानों पर सांप्रदायिक हिंसा हुई। इसमें कई लोगों की संपत्ति का नुकसान हुआ।

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