Home विदेश नासा शुक्र ग्रह के रहस्यों से उठाना चाहती है पर्दा

नासा शुक्र ग्रह के रहस्यों से उठाना चाहती है पर्दा

45
0

वॉशिंगटन । मंगल ग्रह पर फतह हासिल करने के बाद अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा शुक्र ग्रह के रहस्यों से पर्दा उठाना चाहती है। नासा करीब 30 साल बाद दो नए अंतरिक्ष यान शुक्र ग्रह की ओर भेजने जा रही है। इन दोनों मिशनों पर करीब 50 करोड़ डॉलर की लागत आएगी। पृथ्वी की ‘जुड़वा बहन’ कहे जाने वाला शुक्र ग्रह हमेशा से ही इंसानों को आकर्षित करता रहा है।

 माना जा रहा है कि अगले 10 साल के अंदर इन दोनों मिशनों को भेजा जाएगा। नासा के मुख्य प्रशासक बिल नेल्सन ने बताया कि इन दोनों ही मिशनों का नाम दा‎विंसी+ और वेरीटास नाम दिया गया है। नासा ने एक बयान जारी करके कहा, ‘इन मिशनों का उद्देश्य शुक्र ग्रह को समझना है जिससे यह पता चल सके कि पृथ्वी जैसी कई विशेषता होने के बाद भी यह ग्रह नरक जैसा क्यूं बन गया।’ एजेंसी ने कहा कि शुक्र ग्रह सौर व्यवस्था में पहला ऐसा ग्रह हो सकता है जहां लोग रह सकते थे और वहां पृथ्वी की तरह समुद्र और जलवायु था। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि दा‎विंसी+ अंतरिक्ष यान शुक्र ग्रह के वातावरण का आकलन करेगा और यह जानने की कोशिश करेगा कि कैसे इसका निर्माण हुआ। यह भी पता लगाएगा कि क्या इस ग्रह पर धरती की तरह से कभी समुद्र था या नहीं। यह यान शुक्र ग्रह के वातावरण में हीलियम, निऑन और क्रिप्टॉन जैसी अहम गैसों का पता लगाने का प्रयास करेगा। इससे पहले वर्ष 2020 में वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि शुक्र ग्रह पर फोस्फिन गैस की खोज की गई है। हालांकि बाद में यह दावा सही नहीं निकला।

दा‎विंसी+ अंतरिक्ष यान शुक्र के महाद्वीप कहे जाने वाले इलाके की हाई रेजोल्यूशन वाली तस्वीरें भी भेजेगा। नासा ने बताया कि इसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि शुक्र ग्रह इतना गरम क्यों हो गया। यह रेडॉर के इस्तेमाल से सतह के विकास का पता लगाएगा और उसका 3डी नक्शा तैयार करेगा। इससे यह पता चल सकेगा कि क्या शुक्र ग्रह पर ज्वालामुखी की गतिविधियां अभी भी हो रही हैं या नहीं।नासा ने इससे पहले वर्ष 1978 में पाइअनिर प्रॉजेक्ट और मगेलान प्राजेक्ट शुरू किया था। मगेलान यान अगस्त 1990 में शुक्र ग्रह पहुंचा था और वर्ष 1994 तक काम करता रहा। नासा का दूसरा यान वेरीटास शुक्र ग्रह के सतह की मैपिंग करेगा। इसके भूगर्भीय इतिहास का पता लगाने का प्रयास करेगा ताकि यह जाना जा सके कि यह ग्रह पृथ्वी से इतना अलग क्यों विकसित हुआ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here