नई दिल्ली । केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के घटनाक्रम को लेकर 93 पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त की और कहा कि विकास के नाम पर वहां जो कुछ हो रहा है, वह परेशान करने वाला घटनाक्रम है। यहां एक ऐसा उचित विकास मॉडल सुनिश्चित करने की अपील की, जिसके लिए यहां रहनेवाले लोगों से विचार लिये जाएं और उस मॉडल में सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था, शिक्षा और अच्छी शासन प्रणाली समेत अन्य चीजें शामिल हों। पत्र में कहा गया है कि भारत के मानचित्र में लक्षद्वीप एक अलग स्थान रखता है और यह सांस्कृतिक विविधताओं से भरा है। इस पत्र में उन तीन नियामकों के मसौदे पर प्रकश डाला गया है, जिस पर अभी विवाद चल रहा है। इस मसौदे को दिसंबर, 2020 में लक्षद्वीप के प्रशासक का अतिरिक्त पदभार संभालने के बाद पीके पटेल ने पेश किया है। पटेल दादरा व नगर हवेली, दमन-दीव के भी प्रशासक हैं। इस पत्र की प्रति गृह मंत्री अमित शाह और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ भी साझा की गई है। इस पत्र पर पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार टी के ए नायर समेत 93 लोगों के हस्ताक्षर हैं।