भोपाल । गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के डीन डॉ. जितेन शुक्ला ने 28 जूडा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल छात्रावास खाली करने का नोटिस दिया है। हडतालरत जूनियर डॉक्टरों पर जीएमसी की और सख्ती शुरू हो गई है। पूर्व इन्हीं पदाधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर सीट लीविंग बांड की राशि जमा कर इस्तीफा देने को कहा था। जूडा के सामहिक इस्तीफ के बाद जीएमसी प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। हालांकि, कोई भी जूडा पदाधिकारी इसके लिए तैयार नहीं हुआ है न ही अभी तक किसी ने हॉस्टल खाली किया है। बता दें हाईकोर्ट ने गुरुवार को 24 घंटे के भीतर हड़ताल खत्म करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी जूडा की हड़ताल चल रही है। सोमवार को इस मामले में हाईकोर्ट में फिर सुनवाई है। सरकार को कोर्ट को जवाब देना होगा कि जूडा के खिलाफ क्या कार्रवाई की। लिहाजा, हड़ताल खत्म नहीं होने की स्थिति में जूडा के खिलाफ रविवार को कार्रवाई हो सकती है। इसमें पहला कदम हॉस्टल खाली कराने को लेकर हो सकता कदि हमीदिया अस्पताल में कोराना के 65 मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा म्यूकरमाइकोसिस के 130 और अन्य बीमारियों के 240 मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों को इलाज में कोई दिक्कत नहीं आए, इसलिए विदिशा मेडिकल कॉलेज से 28 डॉक्टर शनिवार को बुलाए गए हैं। इनमें 18 ने सुबह 11 बजे ही आकर काम संभाल लिया है। इसके पहले से 78 डॉक्टर आसपास के जिलों से बुलाए गए थे।चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जूडा को हाईकोर्ट के निर्देश का सम्मान करना चाहिए। कोरोना संक्रमण के दौरान हड़ताल कहीं से उचित नहीं है। जूडा पहले हड़ताल खत्म करे। बातचीत के लिए सरकार के द्वार हमेशा खुले हैंं। कोर्ट ने भी एक कमेटी बनाई है जो जूडा से बातचीत करेगी। इस बारे में स्टेट जूडा के प्रेसीडेंट डॉ. अरविंद मीणा का कहना है कि हम हड़ताल समाप्त करने को तैयार हैं। सरकार ने मानदेय बढ़ाने के लिए जो वादे किए हैं वह पूरे करना चाहिए। हम भी नहीं चाहते कि आंदोलन आगे चले। जूडा को भी मरीजों की चिंता है। हमे ब्लैकमेल करना होता तो जब बहुत ज्यादा कोरोना मरीज थे तब हड़ताल करते।