बिलासपुर । पूर्व मंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट सीवरेज परेशानी का सबब बनकर रह गया है। तोरवा हेमूनगर में तो शौचालयों से निकलने वाले गंदे पानी के लाइन को मेनलाइन में जोडऩे के बजाय खुला छोड़ दिया गया है। जिससे घरों के शौचालयों का गन्दा और बदबुदार पानी सड़क पर बह रहा है, इसके चलते कोरोनाकाल में यह गम्भीर संक्रामक बिमारियों का खतरा मंडरा रहा है। यहां के रहवासियों ने ऊपर से नीचे तक के सभी अफसरों को ताकीद भी कर दी है, पर लगता है कि किसी को जनस्वास्थ्य से कोई सरोकार ही नहीं है। आप खुद इन तस्वीरों में देखिए 13 साल पुरानी और आधी-अधूरी इस योजना का हाल क्या है।
जब खुद मिलकर शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नही किया गया लोगो ने निगम के जिम्मेदार अफसरो को व्हाट्सप पर इस तरह मैसेज भेजकर जगाने का प्रयास किया पर कोई जाग ही नही रह है।
जहाँ जहाँ पाँव पड़े सन्तन के
पूर्व मंत्री ने दावा किया था कि इस योजना के लागू होने से शहर स्वच्छ और सुंदर हो जाएगा। इस दावे पर शहरवासियों ने 13 साल नरक भोगा, कम्पनी द्वारा खोदकर छोड़े गए गड्ढों पर गिरकर की की जाने गयी।
कितनों के हाथ -पैर टूटे पर पता नहीं क्यों न तो आज तक 2 साल की योजना का काम 13 साल में पूरा हो सका, न सम्बंधित कम्पनी और निगम के जिम्मेदार अफसरो पर कोई कार्रवाई की गई।