बिलासपुर । देखिये कैसा प्रशासन चल रहा, शनिचरी रपटा के नीचे से रोजाना रातभर रेत की चोरी हो रही है, रेत चोरी की खबरें रोज मीडिया की सुर्खियां बन रही पर न तो अरपा को मां कहकर राजनीति करने वाले जाग रहे न जिम्मेदार अफसर साफ दिख रहा कि सब विवश है। तभी तो नगर विधायक के हड़काने के बाद भी अफसरान अनजान बन रहे। शासन को लाखों का चूना लग रहा। मासूमो के मौत का गड्ढा तैयार हो गया किसी को कुछ नही दिख रहा। लोगों में चर्चा इस बात को लेकर है कि आखिर वो कौन सी ताकत है।
जून माह की पहली तारीख मंगलवार को रात 8 बजे से 11 बजे तक मीडिया कर्मियों के मोबाइल घनघनाने लगे।पक्ष-विपक्ष के नेता से लेकर नदी तट के रहवासी सबकी एक ही शिकायत की शनिचरी रपटा के नीचे से एक्सीवेटर और आधा दर्जन ट्रैक्टर लगाकर रेत चोरी की जा रही। कुछ ने अपने करीबियों से जिम्मेदार अफसरों को कॉल कर शिकायत का गुनताडा भी जमाया पर जिम्मेदार अफसरों ने कॉल ही रिसीव नहीं किया।
मार्च माह से जब से लाकडाउन शुरू हुआ तब से आज तक यहा से अनवरत खनिज संपदा की चोरी हो रही, पर न तो लाठी लेकर ग्रामीणों के बाइक से चाबी निकालकर सीना फुलाने वाले ट्रैफिक पुलिस ओ मतलब है , न सम्बंधित सिटी कोतवाली पुलिस को, न खनिज विभाग को न प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों को और न ही नदी तट के रहवासियों को।
गड्ढे में यदि डूबकर कोई मर तो कौन होगा जिम्मेदार
रेत चोरों ने रेत चोरी करने के लिए मिट्टी को हटा जगह-जगह 10-10, 15-15 फ़ीट गड्ढे खोद रखे है। सामने बारिश और बाढ़ का दिन है, ऐसे में यदि कोई बच्चा इस गड्ढे में बहकर मौत का शिकार होता है तो जिम्मेदार कौन होगा।
अब रपटा पर मंडरा रहा खतरा
प्रशासन के अफसर तुर्काडीह पुल कांड के बाद भी कोई सबक नही ले रहे कोई पहल नही कर रहे। इसके चलते अब शहर की जीवन रेखा कहलाने वाले सर्वाधिक व्यस्ततम शनिचरी-चाटीडीह रपटे पर खतरा मंडराने लगा है। यदि समय रहते रेत चोरों पर शिकंजा नही कसा गया तो रपटा को झटका लग सकता है।