जयपूर । राजस्थान सरकार एक अनूठी पहल की है। घर-घर औषधि योजना के तहत राज्य के सभी परिवारों को चार चुनिंदा औषधीय जड़ी-बूटियों के पौधे उपलब्ध कराएगी।गहलोत सरकार की मेगा योजना का लक्ष्य राज्य में रहने वाले सभी 1,26,50,000 परिवारों तक पहुंचना है। उन्हें इस अभियान के तहत चार औषधीय जड़ी-बूटियों के पौधे (तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय और कालमेघ) दिए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा इस पंचवर्षीय योजना के लिए 210 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें से 31.4 करोड़ रुपये पहले वर्ष में राज्य के आधे घरों में पांच करोड़ से अधिक पौधे वितरित करने के लिए खर्च किए जाएंगे। अगले वर्ष शेष परिवारों में समान संख्या में पौधे बांटे जाएंगे। प्रत्येक परिवार को एक बार में आठ पौधे, चार जड़ी-बूटियों में से प्रत्येक के दो पौधे प्राप्त होंगे। पांच वर्षों में प्रत्येक परिवार को कुल 24 पौधे प्राप्त होंगे। राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के सचिव ने कहा, “राजस्थान जैव विविधता में समृद्ध है और कई औषधीय पौधों का घर है। राज्य सरकार की घर घर औषधि योजना इस प्राकृतिक संपदा के संरक्षण में मदद करेगी और लोगों को स्वास्थ्य के लिए जड़ी-बूटियों और पौधों के महत्व को समझने में मदद करेगी।” मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के अनुसार, बड़े पैमाने पर पौधा उपहार अभियान का उद्देश्य पौधों और लोगों के बीच लाभकारी संबंधों को मजबूत करना है। ये पौधे राजस्थान के मूल निवासी हैं और पारंपरिक रूप से स्वास्थ्य पूरक और हर्बल दवाओं में उपयोग किए जाते हैं। अभियान के तहत पौधों को उनके रखरखाव और उचित उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। योजना को सफल बनाने में राज्य सरकार के कई विभाग योगदान दे रहे हैं। जबकि वन विभाग योजना के लिए नोडल विभाग है, जमीनी स्तर पर उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में उनके संबंधित जिला कलेक्टरों के अधीन जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस योजना की निगरानी राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी। वितरण प्रक्रिया मानसून के मौसम से शुरू होने वाली है।