Home देश मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की लोकप्रियता पर भारी पड़ा कोरोना

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की लोकप्रियता पर भारी पड़ा कोरोना

11
0

नई दिल्ली । देश में अप्रैल महीने में शुरू हुई कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से भारी तबाही हुई। दुनिया में पहली बार किसी देश में चार लाख से ज्यादा दैनिक मामले सामने आए। कुल मृतकों का आंकड़ा भी तीन लाख के पार पहुंच गया। इन सबके बीच, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल भी पिछले दिनों पूरे हो गए। पिछले सात सालों में पहली बार कोरोना की वजह से मोदी सरकार की इतनी अधिक आलोचना हो रही है। एक ताजा सर्वे में मोदी-2.0 से नाराजगी की सबसे बड़ी वजह कोरोना महामारी बनी है। इस सर्वे में कहा गया है कि दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार जिस प्रकार से कोरोना से निपट रही है, उससे लोग काफी नाराज हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में यह नाराजगी शहर में रहने वाले लोगों में काफी अधिक है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर एक सर्वे किया गया है। इस सर्वे में सामने आया है कि शहर में रहने वाले 44 फीसदी लोग मोदी सरकार के कोरोना से निपटने को लेकर खासा नाराज हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में यह नाराजगी 40 फीसदी है। सर्वे में किसान कानून को लेकर शहर में 20 फीसदी लोग नाराज हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में नाराजगी का यह फीसद 25 है। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने पिछले साल तीन नए कृषि कानून पारित किए थे, जिसको लेकर पंजाब, हरियाणा, पश्चिम यूपी समेत कई जगह के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। छह महीनों के बाद भी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर यह प्रदर्शन जारी है।  सर्वे के दौरान, जब लोगों से पूछा गया कि उनके लिए देश में आज के समय में सबसे बड़ी परेशानी क्या है? तो 36 फीसदी लोगों ने कोरोना वायरस को बताया। बेरोजगारी के मुद्दे पर 18 फीसदी लोगों ने हामी भरी, जबकि महंगाई की वजह से 10 फीसदी लोग परेशान हैं। भ्रष्टाचार को लेकर सात फीसदी और चार फीसदी लोगों ने कृषि क्षेत्र को सबसे बड़ी परेशानी बताया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here