नई दिल्ली । पूर्व भारतीय क्रिकेटर रोहन गावस्कर ने देश के राज्य क्रिकेट संघों को भारतीय क्रिकेट बोर्ड की तरह अपने खिलाड़ियों को सालाना कॉन्ट्रैक्ट की पेशकश शुरू करने का सुझाव दिया है। दरअसल बीसीसीआई राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने वाले क्रिकेटरों को वार्षिक अनुबंध की पेशकश करता है,इसके लिए उन्हें पिछले 12 महीने में प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न ग्रेड में बांटा जाता है। रोहन गावस्कर ने ट्वीट किया, सभी राज्य संघों को अपने खिलाड़ियों को वार्षिक अनुबंध देना चाहिए जैसा बीसीसीआई भारतीय टीम के साथ करता है।प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की आजीविका पर चिंता जताकर पूर्व क्रिकेटर गावस्कर ने ट्वीट किया, कोई कैसे फैसला करेगा कि कौन सा खिलाड़ी पूरा सत्र खेलता? क्या कुछ सीनियर खिलाड़ियों को बीच में हटाया जा सकता था?”
रोहन गावस्कर जूनियर का सुझाव उस समय आया है, जब घरेलू खिलाड़ियों को बीसीसीआई से मुआवजे का इंतजार है, क्योंकि राज्य संघों ने अब तक जरूरी जानकारी नहीं भेजी है। कोविड-19 के कारण बीसीसीआई मुख्यालय के बंद होने से वेतन और मुआवजे के भुगतान में विलंब हो रहा है, जबकि इसके अलावा अधिकतर घरेलू खिलाड़ियों को पिछले कुछ सत्र में बीसीसीआई के राजस्व में भी हिस्सा नहीं मिला है। बीसीसीआई हमेशा टीवी प्रसारण से मिलने वाले राजस्व का हिस्सा घरेलू क्रिकेटरों को देता है और ऐसा आम तौर पर सितंबर में वार्षिक खाते तैयार करने के बाद होता है।