बिलासपुर । पता नहीं क्यों अफसर कोरोनाकाल में आक्सीजन देने वाले हरे भरे पेड़ो कटवाकर कंक्रीट के जंगल खड़ी करने आमादा है। पहले व्यापार विहार के लहलहा रहे पेड़-पौधों वाले आक्सीजोंन को कटवाकर यहां तारामंडल का निर्माण कराने के बाद अब कलेक्ट्रट परिसर हरे भरे पेड़ों को कटवाकर यहां मल्टीलेवल पार्किंग खड़ा करने की तैयारी की जा रही जबकि संकट साँसों का है।पूरे देश मे देखा कि कोरोनाकाल में कैसे प्राणवायु कहे जाने वाले ऑक्सीजन का संकट खड़ा हुआ। कैसे लोगो और वाहनो की भीड़ आक्सीजन प्लांट के सामने आक्सीजन सिलेंडरों के लिए कतारबद्ध दिखी। कैसें आक्सीजन बेड की अनुपलब्धता के कारण कईं परिवारों ने अपना मुखिया, अपने लाल को खो दिया। कैसे बेड के अभाव में लोग सिम्स की दहलीज पर आक्सीजन सिलेंडर लगाए अपनी बारी का इंतजार करते बैठे दिखे कि एक बेड मिल जय, कैसे सरकार ने ट्रेनों के जरिये राज्यो में आक्सीजन की खेप यानि प्राणवायु भेजी।पता नही ये सब जिले के जिम्मेदार अफसरो को दिखाई नही दी। भाजपा शासनकाल में व्यापार विहार के आक्सीजोंन को काटकर वहां प्लेनोटेरियम खड़े कर दिया। पूर्व मंत्री ने इस तारामंडल के भूमिपूजन के दौरान कांग्रेस को दिन में तारे दिखाने की बात कही थी, वही कांग्रेस ने आक्सीजोंन को उजाड़कर वहां तारामंडल बनाने का विरोध किया था।अब उसी कांग्रेस के शासनकाल में कलेक्ट्रेट परिसर के हरे भरे पेड़ो को कटवा और यहां के शासकीय कार्यालयों को ढहवाकर मल्टीलेवल पार्किंग के निर्माण के लिए मार्किंग कराई जा रही है।वो भी कोरोनाकाल में जब आक्सीजन के लिए मारामारी का पूरा सिनेरियो सबके सामने है।सवाल यह उठ रहा कि मल्टीलेवल पार्किंग के लिए हरे भरे पेड़ो की कटाई क्यो। विरोध विकास का नही पर प्राणवायु देने वाले हरेभरे पेड़ो को काटना क्या उचित है।