नई दिल्ली । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दावा किया कि केन्द्र सरकार ने कोविड की दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन नहीं लगाने की सलाह दी थी, इसके बावजूद राज्य में लॉकडाउन लगाया गया लोगों की जीवन रक्षा की गई। मुख्यमंत्री अपने आवासीय कार्यालय पर ऑनलाइन बैठक कर सभी मंत्रियों से कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति, रोकथाम एवं नियंत्रण तथा आगे की रणनीति कैसी हो इससे संबंधित तैयारियों पर विचार विमर्श कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ”संक्रमण की दूसरी लहर का अंदेशा केन्द्र सरकार को पहले से था लेकिन देश में लॉकडाउन को लेकर असमंजस की स्थिति रही। केन्द्र सरकार ने तो लॉकडाउन नहीं लगाने की सलाह दी थी लेकिन अंततः राज्यों ने अपने स्तर पर निर्णय लेते हुए लॉकडाउन लगाया जिससे बड़ी संख्या में आम लोगों की जान बचायी जा सकी। मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमारी सरकार ने 24 अप्रैल 2021 से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू करने का निर्णय लिया जो काफी प्रभावी और सकारात्मक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड की 75 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। राज्य सरकार की चिंता जीवन और जीविका दोनों की रही है। यही कारण है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को तीन बार बढ़ाया गया किंतु प्रत्येक बार आम लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णयों में फेरबदल किए गए। सोरेन ने कहा, ”आज हम कह सकते हैं कि राज्य अच्छे निर्णयों के साथ आगे बढ़ रहा है और हम संक्रमण दर को 50 प्रतिशत से ज्यादा कम करने में सफल हुए हैं। राज्यवासियों को संक्रमण से बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, ”हम संक्रमण की तीसरे लहर की आशंका के मद्देनजर तैयारी में जुटे हैं। राज्य सरकार विशेषज्ञों तथा विशेषज्ञ शिशु रोग चिकित्सकों के सुझाव के साथ आगे की कार्य योजना बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को चार करोड़ टीकों की आवश्यकता है लेकिन अब तक राज्य को सिर्फ 40 लाख टीके उपलब्ध हुए हैं। राज्य सरकार इस निमित्त लगातार केंद्र के साथ समन्वय स्थापित कर रही है। ग्रामीण विकास विभाग एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक प्रयास से स्थिति नियंत्रण में दिख रही है। दूसरे राज्यों से आने वाले शत प्रतिशत श्रमिकों की आरटीपीसीआर जांच सुनिश्चित की जाएगी तब ही ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण पर काबू पाया जा सकेगा।