बिलासपुर-
देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का एक आतंकवादी हमला कर उनकी हत्या कर दी गई थी जिसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार के द्वारा सभी शासकीय एवं गैर शासकीय उपक्रमों में इस दिन को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में बनाते हुए कोविड काल को ध्यान में रखते हुए शपथ लेकर मनाने का आदेश जारी किया गया था जिसका पालन करते हुए रतनपुर थाना में शपथ लिया गया,गौरतलब है कि भारत में 21 मई को हर साल आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को भारत का बच्चा- बच्चा नहीं भूल सकता क्योंकि इसी दिन भारत के सबसे युवा पीएम राजीव गांधी की हत्या हुई थी और उनकी हत्या की इस घटना में पूरी तरह से आतंकवाद का हाथ था यही कारण है कि उनकी हत्या के उपरांत से ही ये तय किया गया कि इस दिन को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है
21 मई 1997 को राजीव गांधी एक रैली में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के एक स्थान श्रीपेरंबदूर गए थे। उनके सामने एक महिला आई जो लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम के एक आतंकवादी समूह की मेंबर भी थी। उसके कपड़ों के नीचे विस्फोटक थे और उसने प्रधानमंत्री से संपर्क किया और बोला कि वह उनके पैर छूना चाहती है। जैसे ही वह पैर छूने लगी, अचानक बम विस्फोट हुआ जिससे कि वहां मौके पर पीएम और 25 लोग मारे गए थे। इस कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन ने आदेश जारी किया था जिसके तहत सभी शासकीय और गैर शासकीय संस्थानों में इस दिन आतंकवाद विरोधी दिवस पर कोई कार्यक्रम का आयोजन ना करते हुए केवल आतंकवाद दिवस पर शपथ लेकर मनाया जाए इसी तारतम्य में रतनपुर थाना प्रभारी हरविंदर सिंह के द्वारा खुद शपथ लेते हुए पूरे थाना स्टाफ के द्वारा यह शपथ लिया गया,हम भारतवासी अपने देश की अहिंसा एवं सहनशीलता की परम्परा मे दृढ़ विश्वास रखते हैं तथा निष्ठापूर्वक शपथ लेते हैं कि हम सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसा का डटकर विरोध करेंगे। हम मानव जाति के सभी वर्गों के बीच शान्ति, समाजिक सद्भाव तथा सूझबूझ कायम करने और मानव जीवन मूल्यों को खतरा पहुंचाने वाली और विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की भी शपथ लेते हैं।