कोरबा पारिवारिक विवाद में पति के हाथों जानलेवा हमले में गंभीर जख्मी महिला को उपचार नहीं मिला। बेटे की बेबसी और लाकडाउन में वाहन सुविधा नहीं मिलने से 19 घण्टे तक संघर्ष के बाद वह जिंदगी हार गई। जानकारी के मुताबिक जयसवाल कुसराम ग्राम सेमरा बड़का मोहल्ला पसान में रहता है व खेती-किसानी का काम करता है। उसके घर में पिता घासीराम अगरिया मां श्रीमती फूलकुंवर, पत्नी कलावती, पुत्र समीर, पुत्री शबनम रहते हैं। 10 मई को दोपहर करीब 2 बजे वह कमरे में बच्चों के साथ सो रहा था कि मां श्रीमती फूलकुंवर के चिल्लाने की आवाज सुनकर कमरे से बाहर निकल कर पत्नी व बच्चों के साथ देखने गया। कमरे में मां जमीन में गिरी पड़ी थी। मां से चिल्लाने की वजह पूछा तो बताई कि पिता घासीराम ने झगडा किया और झगड़ा के दौरान टांगी के पासा तरफ से मारा और टांगी लेकर घर से बाहर भाग रहा है। बेटा तुरंत बाहर की ओर गया तो देखा कि उसका पिता घासीराम हाथ में टांगी रखे घर से बाहर भाग रहा था। बेटा वापस कमरे में आकर माँ को देखा उसके पीठ में चोट आई थी। वह चिल्ला रही थी तब उसे खाना खिलाने एवं पानी पिलाने का प्रयास किया पर खाना नहीं खायी तथा पानी नहीं पी। कोरोना के कारण लाकडाउन होने से घायल मां को अस्पताल ले जाने का साधन नहीं होने से घर में ही रखा गया था। उपचार के अभाव में फूलकुंवर की मृत्यु हो गयी। बेटे ने तब पड़ोसी कलम सिंह गोंड, उप सरपंच कमल सिंह, साधारण सिंह एवं ग्राम कोटवार हीरादास को घटना के विषय में बताया। इसके बाद पसान थाना पहुँचकर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराया। बेटे जयसवाल कुसराम की रिपोर्ट पर फरार आरोपी घासीराम के विरुद्ध धारा 302 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर पतासाजी जारी रखी है।