भोपाल । राजधानी के अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय ने हिंदी वर्णमाला के अनुसार आरक्षण रोस्टर जारी किया गया है, जबकि अंगेजी वर्णमाला के अनुसार रिक्तियां जारी करनी थी। कुछ इस तरह की आपत्तियां विवि को भेजी गई है। विवि द्वारा सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए आरक्षित पदों की रिक्तियां प्रदर्शित की है, लेकिन अनारक्षित यानि जनरल के एक भी पद प्रदर्शित नहीं किए हैं। विवि ने 18 पदों की रिक्तियां जारी की है। इसके लिए विवि ने रोस्टर जारी किया था। इसमें एक दर्जन आपत्तियां दर्ज हुई हैं। विवि रोस्टर में ईडब्ल्यूएस, महिला और विकलांग आरक्षण लगाना भूल गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अंग्रेजी वर्णमाला से रोस्टर बनाने के लिए कहा है, जबकि हिंदी विवि ने हिंदी वर्णमाला में रोस्टर जारी किया है। हिंदी विवि द्वारा 18 सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने वाला है। इसे लेकर रोस्टर जारी कर विवि ने 21 दिनों में एक दर्जन आपत्तियां दर्ज कराई हैं। यूजीसी ने सभी विवि को अंग्रेजी वर्णमाला में ही आरक्षण रोस्टर बनाने के आदेश जारी कर रखे हैं, जिसे लेकर सबसे ज्यादा आपत्तियां दर्ज हुई हैं, जबकि हिंदी विवि का कहना है कि हिंदी विवि है,इसलिए हिंदी वर्णमाला से रोस्टर बनाया गया। उधर विवि पहुंची आपत्तियों में यह जानकारी मांगी गई है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विवि को प्राध्यापक, सह प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक के कितने पदों की अनुमति दी गई है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। महिलाओं के लिए कैडरवार क्रमश: स्वीकृत पदों का 33 प्रतिशत एवं नि:शक्तजनों को छह प्रतिशत तथा उच्च शिक्षा विभाग के आदेश का पालन नहीं किया गया है। वहीं ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है और ईडब्ल्यूएस आरक्षण को भी कहीं उल्लेख नहीं है, जो कि गलत है। इस बारे में हिंदी विवि के रजिस्ट्रार प्रो यशवंत पटेल का कहना है कि विवि को प्राप्त अधिकार और नियमों के अनुसार ही रोस्टर जारी किया गया है। इस पर आपत्तियां मंगाई तो एक दर्जन से अधिक आपत्तियां आई हैं। सभी आपत्तियों का निराकरण कर प्रक्रिया शीघ्र आगे बढ़ाई जाएगी।