धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
भारत सरकार खद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पूरे भारत वर्ष में प्रत्येक गरीब परिवार को राशन राज्य सरकार आबंटन करता है। राज्य सरकार उसमें कुछ अंश मिलकार राज्य व जिले की महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से राशन वितरण करता है। सरकार इन गरीबों के लिए खद्य सुरक्षा अधिनियम के नियमों के अनुसार मानक स्तर का राशन आबंटन करने का प्रवधान है। पर इसबार राशन दुकान में पाखड़ चावाल वितरण किया जा रहा है। जो खाने योग्य नहीं है मजबूरी में गरीब परिवार राशन ले रहा है। 15 हजार की जनसंख्या 15 वाडऱ्ों की नगरपंचायत धरमजयगढ़ में 6 शासकीय उचित मूल्य कि दुकान है। तथा सभी प्रकार का राशन कार्ड मिलकार 3 हजार कार्ड है। जो महिला समूह के नाम पर आबंटन है। कहीं समूह के संचालनकर्ता नदारत रहते हैं। संचालनकर्ता का व्यवहार भी गरीब जनता के साथ ठीक नहीं है। इसबार नगर पंचायत की उचित मूल्य कि दुकान में नान विभग द्वारा पाखड़ जनित चावाल का वितरण करने भंडारण करवा दिया है जो मानक स्तर का नहीं है। कोरोना संकट में केन्द्र व राज्य सरकार मई तथा जून माह राशन प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त राशन जारी किया है। इसी तारतम्य में नगर के दुकान क्रमांक 1 स्व सहायता समूह व इसके संचालक द्वारा राशन वितरण का कार्य 10 मई से 50 की संख्या में राशन वितरण करना शुरू कर दिया है। चावाल खाने योग्य न होने के कारण वार्ड पार्षद द्वारा जिला खाद्य अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, स्थानीय खाद्य अधिकारी को मोबाईल के माध्यम से जानकारी दिया गया है। खाद्य अधिकारी यादव दुकान पहुंचकर ज्यादा खराब चावाल को किनारे रखने के लिए संचालक को बोला तथा इस संबंध में उच्च अधिकारी से बात करने कहा गया है। सरकार द्वारा खाद्य नियमों के अनुसार गरीबों की राशन मानक स्तर प्रदान करने के लिए राशि आबंटित करता है। कहीं मिलवरों द्वारा बरसात पाया धान 11 रूपये खरीद कर और धान खरीदी केन्द्र से अच्छी क्वालिटी घान लेकर बनाया गया चावाल मिलावट कर संबंधित विभाग सांठगांठ कर इस कृत्य को अंजाम दे रहा है। ये जांच का विषय।