कोरबा कोरबा जिले में कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा अब शुरू हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव, प्रभारी मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत की वर्चुअल उपस्थिति में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा के जिला अस्पताल परिसर में वायरोलाॅजी लैब का शुभारंभ किया। इस दौरान विधायक पुरूषोत्तम कवंर, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कवंर, महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी, कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, सीएमएचओ डाॅ. बी.बी.बोर्डे, मेडिकल काॅलेज के डीन डाॅ. वाय.डी.बड़गैय्यां, सिविल सर्जन डाॅ. अरूण तिवारी भी मौजूद रहे।
*प्रदेश की दसवीं लैब, सात और बनेंगी- स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव
वायरोलाॅजी लैब के शुभारंभ समारोह में वर्चुअल रूप से उपस्थित प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरबा की यह लैब प्रदेश में कोविड के आरटीपीसीआर टेस्ट करने की दसवीं लैब है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में प्रदेश में सात और ऐसी प्रयोगशालाओं एवं जांच केंद्रों की स्थापना की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस लैब के कार्यशील हो जाने से अब कोरोना के मरीजों की समय पर जांच हो सकेगी और उसकी रिपोर्ट भी छह से आठ घंटे में मिल जायेगी। श्री सिंहदेव ने कोरबा में आरटीपीसीआर जांच लैब शुरू होने को मिल का पत्थर बताया। स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना से लड़ाई में कोरबा जिला प्रशासन द्वारा अब तक किये गये प्रयासों की सराहना की और उन्होंने जिले को इसके लिए हर संभव मदद भी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
*सभी के सहयोग से कोरबा बनेगा सबसे सुरक्षित जिला-सांसद श्रीमती महंत
इस अवसर पर कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कहा कि शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से कोरबा जिले में आरटीपीसीआर जांच लैब शुरू होने से कोरोना से लड़ाई में बहुत सहायता मिलेगी। उन्होंने कोरबा जिले में कोरोना मरीजों के ईलाज के लिए विकसित की गई सुविधाओं पर भी संतुष्टि जाहिर की और कहा कि सभी के सहयोग से विकसित हो रही स्वास्थ्य सुविधाओं से ही आने वाले समय में कोरबा प्रदेश का सबसे सुरक्षित और स्वस्थ्य जिला बनेगा। श्रीमती महंत ने भी जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए हर संभव मदद की बात कही।
*कोरोना से ईलाज के लिए प्रदेश में सबसे बेहतर सुविधाएं- राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल
वायरोलाॅजी लैब का शुभारंभ करते हुए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि इस जांच केंद्र के शुरू हो जाने से कोरबा ही नहीं बल्कि गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जांजगीर-चांपा जिले के लोगों को भी कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि कोरबा में वायरोलाॅजी लैब शुरू करने की मांग पहली कोरोना लहर से ही की जा रही थी, इसकी शुरूआत से जिले वासियों की यह मांग भी पूरी हो गई है। राजस्व मंत्री ने कहा कि कोरबा जिले में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। लगातार प्रयास करके जिले में कोरोना से जंग के लिए अस्पताल, आक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, दवाईयां आदि की व्यवस्था भी पर्याप्त मात्रा में की गई है। उन्होंने कहा कि कोरबा जिले में कोरोना से ईलाज की सुविधाएं पूरे प्रदेश में सबसे बेहतर है। श्री अग्रवाल ने विशेषज्ञों की राय अनुसार आने वाले दिनों में कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए भी संसाधन तैयार करने की बात कही। उन्होंने कोरबा में वायरोलाॅजी लैब शुरू करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव का आभार भी व्यक्त किया।
*कोरोना के ईलाज में मील का पत्थर साबित होगी आरटीपीसीआर जांच लैब-प्रभारी मंत्री डाॅ.टेकाम
वायरोलाॅजी लैब के शुभारंभ समारोह को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि यह लैब कोरबा जिले में कोरोना संक्रमितों की जल्दी पहचान और जल्द ईलाज से उनकी जान बचाने में मील का पत्थर साबित होगी। डाॅ. टेकाम ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में बेहतर रणनीति और प्रयासोें से जिले में कोरोना की रफ्तार नियंत्रित हुई है। पाॅजिविटी में भी कमी आई है साथ ही मृत्यु भी कम हुई है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि कोरोना से लड़ाई के लिए राज्य सरकार ने सभी नगर निगम क्षेत्रों में चोबीस घंटे कोविड एंटीजन टेस्ट की सुविधा शुरू कर दी है। कोरबा नगर निगम क्षेत्र में तीन केंद्र बनाये गये हैं जहां चोबीस घंटे कोरोना का एंटीजन टेस्ट किया जायेगा। आपात स्थिति में किसी भी व्यक्ति को कोरोना की जांच कराने के लिए इंतजार नहीं करना होगा। डाॅ. टेकाम ने कोरबा जिले में वायरोलाॅजी लैब शुरू करने के लिए सभी के समन्वित प्रयास की सराहना की और स्वास्थ्य मंत्री को इसके लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
*एक हजार सेम्पल प्रतिदिन टेस्टिंग केपेसिटी के साथ पूर्णतः आटोमेटेड होगी वायरोलाॅजी लैब
कोरबा जिला अस्पताल के परिसर में स्थापित कोविड आरटीपीसीआर वायरोलाॅजी जांच लैब पूरी तरह से आटोमेटेड होगी। इस लैब की प्रतिदिन जांच क्षमता एक हजार सेम्पल है। लेकिन पहले चरण में पांच सौ सेम्पल प्रतिदिन जांच के साथ इसे शुरू कर दिया गया है। इस लैब के शुरू हो जाने से अब कोरबा से कोरोना संदिग्ध संक्रमितों के सेम्पल जांच के लिए रायगढ़ नहीं भेजे जायेंगे। जिले में ही जांच होने से कोरोना की रिपोर्ट भी मरीजों को अब पांच से छह घंटे में मिल जायेगी। इस वायरोलाॅजी लैब में कोरबा ही नहीं बल्कि गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और जांजगीर-चांपा जिले के कोरोना सेम्पलों की भी जांच होगी। इससे रायगढ़ भेजे जाने वाले सेम्पल का दबाव कम होगा और मरीजों को पहले की अपेक्षा जल्दी रिपोर्ट मिलेगी। इस लैब के लिए नौ लैब टेक्निशियनों को एम्स रायपुर भेजकर विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया है। लैब की मशीनों की भी पहले से जांचे गये सेम्पलों का उपयोग करके शुद्धता और कार्य क्षमता का परीक्षण कर लिया गया है।