लाहौर । पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने कहा है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चयन प्रारुप में कमियां हैं। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने कहा है कि आम तौर पर उन युवा क्रिकेटरों को राष्ट्रीय स्तर पर चुना जाता है, जो तकनीकी रुप से सही नहीं हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के योग्य नहीं हैं।
आमिर ने भारत, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड से पाकिस्तान के चयन मानदंडों की तुलना करते हुए कहा कहा, अन्य टीमें उन खिलाड़ियों को चुनती हैं जिन्होंने घरेलू सर्किट में सबक सीखा है, लेकिन पाकिस्तान में क्रिकेटरों से उम्मीद की जाती है कि वे ‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हुए’ सीखें।’
अमीर ने कहा, उन खिलाड़ियों को देखें जिन्हें भारत, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ला रहा है। वे उच्चतम स्तर पर खेलने के लिए तैयार हैं क्योंकि उन्होंने मेहनत की है और घरेलू तथा जूनियर लेवल पर अपनी शिक्षा पूरी की है। एक बार चुने जाने के बाद वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना कौशल दिखाते हैं जो उन्होंने घरेलू क्रिकेट में पहले ही सीख लिया है। जबकि पाकिस्तान में, इस समय हमारे खिलाड़ियों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के दौरान राष्ट्रीय कोचों से सीखने की अपेक्षा की जाती है, न कि करियर के शुरूआती दिनों में क्रिकेट सीखने की।
आमिर ने कई भारतीय युवाओं के उदाहरणों का हवाला दिया जिन्होंने हाल ही में घरेलू स्तर पर कड़ी मेहनत के बाद सीमित ओवरों की क्रिकेट में भारत के लिए पदार्पण किया था। आमिर ने कहा, ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव और क्रुणाल पांड्या को देखें, जब उन्होंने अपना डेब्यू किया तो वह वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार और प्राइमेड लग रहे थे और उन्हें सलाह या कोचिंग की जरूरत नहीं दिखी। वह घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में कई साल खेले हैं और इससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी शुरूआत हुई है।
इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में केवल उन खिलाड़ियों को ही उतारा जाता है जो पूरी तरह पारंगत हों। जिन्होंने खेल के बारे में सीखा है और आवश्यक कौशल प्राप्त किए हैं। यदि आप क्रिकेट के बारे में सीखना चाहते हैं, तो इसे अकादमी में या प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलें। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बिता तैयारी के ना आएं। वहीं हमारे युवा खिलाड़ियों को उनके खेल में मुद्दों के साथ तकनीकी खामियों के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धकेल दिया जाता है, इस उम्मीद में कि वे सुधार करेंगे।