कोरबा देशभर में इन दिनों जीवनरक्षक संसाधन के रूप में स्वास्थ्य संस्थानों में उपयोग होने वाले ऑक्सीजन सिलेण्डर की भारी कमी देखी जा रही है. इस कमी को देखते हुए सरकार ने पहले ही औद्योगिक संयंत्रों में ऑक्सीजन सिलेंडर के स्टॉक और उपयोग पर रोक लगा दी है साथ ही जो सिलेंडर इन इकाइयों में स्टॉक के तौर पर रखे गए है उन्हें भी चिकित्सीय इस्तेमाल के लिए मंजूर कर दिया गया है. इन तमाम आपातकालीन निर्देशो के बावजूद जिले के कई संयंत्रों में ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टॉक मौजूद होने की जानकारी प्रशासन को मिल रही थी.
जिला कलेक्टर किरण कौशल ने इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कटघोरा एसडीएम को टीम गठित करते हुए संयंत्रों मे जांच के निर्देश दिए थे. उक्त निर्देशो के अनुपालन में अनुविभागीय दंडाधिकारी सूर्य किरण तिवारी ने अलग अलग अफसरों की अगुवाई में टीमें बनाई थी. उक्त टीमें अनुविभाग क्षेत्र में संचालित औद्योगिक इकाइयों में जांच के लिए पहुंची थी.
जांच के दौरान उद्योगों में पाया गया कि उनके द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टॉक रखा गया है साथ ही प्रबन्धन द्वारा उपयोग भी किया जा रहा है जांच के पश्चात जांच दल द्वारा अलग-अलग इकाइयों से करीब तीन सौ सात (307) सिलेंडर का अधिग्रहित किया गया. प्रशासन द्वारा उक्त अधिग्रहित ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग चिकित्सीय उद्देश्यों से अस्पतालों में किया जाएगा. जिन औद्योगिक इकाइयों से सिलेंडर अधिग्रहित कराया गया उनमें एसईसीएल गेवरा से 88, दीपका से 54, कुसमुंडा से 29, एनटीपीसी से 34, केजेएसएल से 12, सीएचपी से 10, एसीबी से 50 व दर्री के एक संस्थान से 30 ऑक्सीजन सिलेंडर अधिग्रहित कराया गया. हालांकि जिले में जीवरक्षक ऑक्सीजन की कमी नही थी बावजूद अब अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए सिलेंडर का अतिरिक्त स्टॉक मौजूद रहेगा. छापामार टीम में कटघोरा तहसीलदार रोहित सिंह, नायब तहसीलदार शशिभूषण सोनी, डॉ रविशंकर राठौर, प्रांजल मिश्रा, इंडस्ट्रियल सेफ्टी के उप संचालक विजय सोनी के अलावा पुलिस विभाग के कर्मचारी शामिल थे.