भोपाल । कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश में जारी जंग में अब फ्रंट लाइन वर्कर कहे जाने वाले कंप्यूटर आपरेटर और सैनिटाइजेशन टीम मैदान छोडने लगी है। प्रदेश के जबलपुर शहर के संभागीय कार्यालयों से लेकर कोरोना कंट्रोल रुम में तैनात किए गए ज्यादातर कंप्यूटर आपरेटर ड़यूटी से गायब है। इस खुलासे के बाद अब संभागीय व विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर ऑपरेटरों की उपस्थिति की जानकारी मांगी जा रही है। ताकि एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। स्मार्ट सिटी के दमोहनाका स्थित कोरोना कंट्रोल रुम में 120 से ज्यादा कंप्यूटर ऑपरेटर, मेडीकल स्टॉफ व अन्य कर्मचारियों की ड़यूटी लगाई है। संभागीय कार्यालय व निगम के विभागों में भी पांच से छह ऑपरेटर पदस्थ किए हैं। कोरोना की रोकथाम को लेकर जारी गाइडलाइन के मुताबिक 15 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ दफ्तर खोले जा रहे है। कर्मचारियों की ड़यूटी गाइडलाइन के तहत लगाई जा रही है। बावजूद इसके ठेके पर रखे गए ज्यादातर ऑपरेटर डयूटी पर नहीं आ रहे है। जिससे निगम का कार्य प्रभावित हो रहा है। कंट्रोल रुम सहित विभागों में ऑपरेटरों के न मिलने पर उपायुक्त राजस्व पीएन सनखेरे ने सभी 16 संभागीय अधिकारी सहित विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर कंप्यूटर ऑपरेटरों की दिनवार उपस्थिति तलब की है। पत्र में कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान पाया गया है कि अधिकतर कंप्यूटर आपरेटर कोरोना कंट्रोल रुम सहित विभागीय, संभागीय कार्यालयों में कार्य के प्रति लापरवाही बरत रहे है। लिहाजा तीन दिन के भीतर ऑपरेटरों की उपस्थिति संबंधी जानकारी भेजी जाए ताकि एजेंसी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा सके। निगम ने कंप्यूटर आपरेटर उपलब्ध कराने का ठेका इंदौर की रत्ना एंपोरियम एजेंसी को दिया है। 240 ऑपरेटर एजेंसी ने उपलब्ध कराए हैं। 100 ऑपरेटर की ड़यूटी कोरोना कंट्रोल में लगाई गई है। इस बारे में नगर निगम के उपायुक्त राजस्व पीएन सनखेरे का कहना है कि निरीक्षण के दौरान पाया गया है कि ज्यादातर कंप्यूटर आपरेटर कार्य के प्रति लापरवाही बरत रहे है। इसलिए विभागीय व संभागीय अधिकारियों से उनकी उपस्थिति की जानकारी बुलवाई गई है। ताकि एजेंसी पर कार्रवाई की जा सके।