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साथी पत्रकार के खिलाफ एफआईआर को लेकर प्रेस क्लब लैलूँगा में आक्रोश, लॉक डाउन खुलते ही जन समर्थन जुटाते हुए नगर बंद समेत धरना प्रदर्शन का ऐलान

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लैलूँगा-जोहार छत्तीसगढ़।

अपने पत्रकार साथी के खिलाफ बिना जांच पड़ताल के दर्ज कराई गई झूठी एफआईआर से आक्रोशित प्रेस क्लब लैलूँगा अब आंदोलन के मूड में है।और इस पूरे मामले में प्रेस क्लब लैलूँगा के सदस्यों ने एकसुर में 6 तारीख को समाप्त हो रहे लॉक डाउन के ठीक बाद जन समर्थन जुटाते हुए नगर बंद का आह्वान कर एसडीएम कार्यालय के समक्ष कोविड नियमों का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है।प्रेस क्लब लैलूँगा के सदस्यों का कहना है कि मामले को लगभग सप्ताह भर बीतने को है।और इस बीच यथा संभव माध्यमों से मामले में जांच की मांग को लेकर शासन प्रशासन को अवगत कराएं जाने के बावजूद पत्रकारों की अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़े इस संवेदनशील मामले में कार्यवाही तो दूर की बात प्रशासन की ओर से कार्यवाही का कोई आश्वासन तक नही दिया गया है।जिससे कही ना कही प्रेस जगत की गरिमा और आत्म सम्मान को ठेस पहुँची है।प्रेस क्लब लैलूँगा का कहना है कि लॉक डाउन हटते ही इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग के साथ एफआईआर वापसी के लिए व्यापक जन समर्थन भी जुटाया जाएगा।बताते चले कि विकासखण्ड लैलूँगा के ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार आ रही शिकायतों के बाद कोविड संक्रमण फैलने के अंदेशे को लेकर दैनिक पत्रिका में 18 जनवरी को प्रकाशित एक प्रमाणित समाचार के ठीक 9 दिन बाद लैलूँगा तहसीलदार द्वारा द्वेष वश पत्रिका संवाददाता के खिलाफ एक दूसरे मामले को लेकर थाना लैलूँगा में एफआईआर दर्ज कराई गई। जिसमें की थाना प्रभारी द्वारा मामले की जांच किए बिना ही गैरजमानती धारा समेत विभिन्न धाराओं के तहत पत्रकार पर अपराध भी पंजीबद्ध कर दिया गया।इस दौरान थाना प्रभारी द्वारा दूसरा पक्ष जाने बिना ही प्रशासनिक अधिकारियों के दबाव में एकतरफा कार्यवाही करते हुए महज एक घण्टे में अपराध दर्ज कर एफआईआर की कॉपी सोशल मीडिया के जरिए वायरल करा दी गई।

(कहा धूमिल हो रही शासन प्रशासन की छवि)

इस पूरे मामले को लेकर प्रेस क्लब लैलूंगा के सदस्यों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि लॉकडाउन की इन विषम परिस्थितियों में जनहित के समाचार प्रकाशित करने पर स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों का इस प्रकार पत्रकार को निशाना बनाने की जितनी भी निंदा की जाए वो कम है।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार लॉकडाउन में जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी पूरी कर्तव्य निष्ठा से अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है।उसी प्रकार पत्रकार भी इन्ही परिस्थितियों में कोविड संक्रमण के खतरों के बीच जाकर बिना रुके आम जनों की समस्याएं उनके दुख उनकी तकलीफे शासन प्रशासन तक पहुचांने में लगे हुए है।ऐसे में जिले में चल रहे लॉकडाउन के बीच संक्रमण फैलने के अंदेशो से सम्बंधित खबर के बाद पत्रकार के खिलाफ स्थानीय प्रशासन की ऐसी कार्यवाही समझ से परे है।और इससे प्रशासन के साथ कहीं ना कहीं शासन की छवि भी धूमिल हो रही है।

(नगर में चलाया जाएगा हस्ताक्षर अभियान)

प्रेस क्लब लैलूंगा के सदस्यों ने बताया कि नगर के कई सम्मानित व्यापारी समाजसेवकों ने इस कार्यवाही को गलत ठहराया है इसलिए लैलूंगा के सभी पत्रकार द्वारा हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा जिसका ज्ञापन महामहिम राज्यपाल तक भेजा जाएगा ।इधर कई राजनीतिक पार्टी भी समर्थन में धरना के लिए अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर चुके हैं।इस पर प्रेस क्लब के नटवर निंगानिया उमेश अग्रवाल, कृष्णा जायसवाल, सतीष शुक्ला, नारायण बाईन, बज्र दास महंत, वीरेंद्र शाह, कृष्णा सुरेश जायसवाल, पंकज गुप्ता, अशोक भगत, हितेष सिंघानिया, प्रमोद प्रधान, राकेश जायसवाल, चन्द्र शेखर जायसवाल, संदीप राजपूत समेत अन्य ने सहमती जताई है।

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को प्रशासनिक आतंकवाद के जरिये कुचलने का घृणित प्रयास साथी पत्रकार आशुतोष मिश्रा पर झूठा मामला दर्ज कर किया गया है।मामले की सूक्ष्म विवेचना की जाए अन्यथा कोविड काल मे धारा 144 की समाप्ति के बाद प्रेस क्लब लैलूंगा लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरेगा।
उमेश अग्रवाल प्रेस क्लब लैलूँगा

प्रशासन की ये कार्यवाही सीधे सीधे हम पत्रकारों की अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है। पिछले सप्ताह भर से संगठन की ओर से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।किंतु
शिकवे शिकायतों के बावजूद अब तक प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया व्यक्त नही की गई।
कृष्णा जायसवाल प्रेस क्लब लैलूँगा

लॉक डाउन के इस समय मे जिस प्रकार प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।उसी प्रकार हम पत्रकार भी अपने क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।अपनी नाकामी छुपाने स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई इस कार्यवाही की जितनी भी निंदा की जाए कम है।

बज्रदास महंत प्रेस क्लब लैलूँगा

साथी पत्रकार के खिलाफ प्रशासन की ये कार्यवाही पूरी तरह दमनात्मक है।हम सब अपने साथी के साथ है। जन समर्थन जुटाते हुए अपने अधिकारों और हितों की इस लड़ाई को लॉक डाउन हटते ही उग्र रूप दिया जाएगा।

सतीष शुक्ला प्रेस क्लब लैलूँगा

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