बिलासपुर । शिक्षाजगत के लिए एक दुखद खबर है। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलसचिव डा.अरुण सिंह की सुबह कोरोना से मौत हो गई। इस घटना के बाद उच्च शिक्षा जगत में सन्नाटा पसर गया। यकीन नहीं हो रहा है कि एक जिंदादिल और हरफनमौल इंसान अब इस दुनिया में नहीं है। डा.सिंह छह जुलाई 2012 से एक अगस्त 2016 तक कुलसचिव के पद में पदस्थ थे। वर्तमान में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के ज्वाइंट डायरेक्टर के पद में पदस्थ थे। आठ अप्रैल को शासकीय ई-राघवेंद्र राव विज्ञान महाविद्यालय में आयोन राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की बैठक में शामिल होने बिलासपुर आए थे। जिसके बाद से उनकी तबियत बिगड़ गई। रायपुर के एम्स में भर्ती थे। जानकारी के मुताबिक आज सुबह उन्होंने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया। बता दें कि इसी बैठक में डीएलएस पीजी कालेज के चेयरमैन बंसत शर्मा भी शामिल हुए थे। कुछ दिनों पूर्व उनकी भी कोरोना से मौत हो गई। हैरानी की बात यह कि कोरोना काल में विभाग द्वारा लगातार नैक को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। डा.सिंह की मात के बाद छात्र नेताओं और विद्यार्थी भी मायूस हंै। कुलसचिव रहते हुए डा.सिंह ने छात्रों के बेहद प्रिय थे। यही वजह है कि उनके कार्यकाल के दौरान छात्र राजनीति भी खूब चर्चा में रही। कुलपति प्रो.अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने उनके निधन को लेकर शोक व्यक्त किया है। कहा कि शिक्षाजगत के लिए यह एक बड़ी क्षति है। जिसकी पूर्ति संभव नहीं है।