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सत्तारूढ़ पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष आई टी सेल ने जो लिखा है उसका सच क्या है? उसकी जांच होनी चाहिए : हृदय राम राठिया

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लैलूंगा-जोहार छत्तीसगढ़।

पत्रकार आशुतोष मिश्रा पर हुए एफआईआर पर अब पूर्व विधायक हृदय राम राठिया ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि पत्रकार के खिलाफ बिना जांच पड़ताल के कराया गया इस तरह का एफआईआर पत्रकारों की अभिव्यक्ति का हनन है। पत्रकार, शासन प्रशासन का आईना होते है । अगर प्रशासन जनहित में प्रकाशित समाचारों को लेकर इस प्रकार पत्रकारों को निशाना बनाएगा। तो इससे लोक तंत्र के चौथे सतंभ कहलाये जाने वाले पत्रकार स्वतंत्रता पूर्वक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन क़भी नही कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि आशुतोष मिश्रा पर जिस तरीके से एफआईआर दर्ज की गई है । प्रशासन को इसका जवाब देना चाहिए जबकि जैसा कि आवेदन में जिक्र है एक भी आरोप पर किसी तरह की एफआईआर बनती ही नही है। और इस पूरे मामले में तो साफ तौर पर अधिकारियों द्वारा पत्रकार से आपसी रंजिश निकलने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि आपसी सामंजस्य एव अन्य कारणों से कई मामलों में  प्रशासन को विरोध झेलना पड़ता है।इसका मतलब यह नही की अधिकारी अपनी नाकामी छुपाने अपने पद का दुरुपयोग करना शुरू कर दे। अपने विधायकी कार्यकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम भी कई मामलों में पत्रकारों से असहमत होते थे। पर सत्ता में रहते हुए मैंने कभी भी ना तो पत्रकारों के साथ गलत नही होने दिया और ना ही उनकी आवाज को दबने दिया।। प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी जवाबदारी समझते हुए पद का सदुपयोग करना चाहिए। ना कि जनता की आवाज को शासन प्रशासन  तक पहुचाने वाले  पत्रकार साथियों के खिलाफ जो मर्जी धारा लगवा कर जेल  का डर दिखा कर अपने खिलाफ उठी आवाज को दबाने  दिया जाए। उन्होंने कहा कि  विधायक चक्रधर सिंह सिदार कहा है उन्हें MLA नही एक जनसेवक बन के काम करने की जरूरत है उनको तत्काल  पत्रकार पर हुए पुलिसिया कार्यवाही के लिए पहल करनी चाहिए क्योकि इस मामले में बिना जांच पड़ताल के सीधे एफआईआर दर्ज की गई है। जो पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा के मुख्यालय में इतना सब कुछ चल रहा है परंतु क्यों चुप्पी साधे बैठे है । पत्रकार के खिलाफ हुई इस साजिश को लेकर मैं कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ राज्यपाल को तत्काल कार्यवाही की मांग करूँगा। पत्रकार साथीयों के लिए धरना प्रदर्शन एव जरूरत पड़ने पर इसे उग्र आंदोलन का रूप भी दियाजाएगा। । मैं पूर्ण रूप से आशुतोष और पत्रकार साथियों के साथ हूँ। उन्होंने कहा कि मै इस प्रेस विज्ञप्ति के जरिए जिलाकलेक्टर से निवेदन करता हु की ऐसी क्या स्स्थिति आ गयी है कि लैलूंगा के व्हाट्सएप ग्रुप में सत्तारूढ़ पार्टी के विधानसभा आई टी सेल अध्यक्ष जो विधायक चक्रधर सिंह के खास माने जाते हैं द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर इस प्रकार की पोस्ट की गई है। जिसमें भ्रस्टाचार का भी जिक्र किया गया है । क्या सच मे ऐसी कोई बात है? अन्यथा एक राष्ट्रीय पार्टी सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारी जो स्वयं विधायक चक्रधर के करीबियों में हैं को इस तरीके से अपनी नाराजगी जाहिर करनी पड़ी।जिला कलेक्टर को खुद इस पूरे मामले की जांच करनी चाहिए।क्योकि इस पूरे मामले में सीधे तौर पर प्रशासन की छवि धूमिल हुई है।

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