अहमदाबाद । पृथ्वी शॉ ने कहा कि वे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन के बाद निराश थे, लेकिन इस बुरे दौर में उनके पिता ने उनका साथ दिया। उन्होंने उन्हें नेचुरल गेम खेलने की सलाह दी। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शॉ को चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच की दोनों पारियों में खराब प्रदर्शन के बाद प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया। उनकी तकनीक को लेकर भी कई पूर्व क्रिकेटरों ने सवाल उठाए। वहीं इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी उन्हें टीम से बाहर रहना पड़ा। शॉ ने कहा, मेरे पिताजी ने मेरा साथ दिया। उन्होंने मुझे अपना नेचुरल गेम खेलने की सलाह दी। पिताजी ने कहा कि करियर में अभी और उतार-चढ़ाव आने वाले हैं। मैं केवल अपना गेम खेलूं। पिताजी के सलाह के बाद मैंने अपना टारगेट सेट कर कड़ी मेहनत की।’
शॉ ने कहा- शॉट खेलने के लिए खराब गेंद का इंतजार किया
शॉ ने आगे कहा कि इस पिच पर धीमी गति के गेंदबाजों को खेलना आसान नहीं था। मुझे खराब बॉल का इंतजार करना पड़ा। जब स्पिनर्स बॉलिंग कर रहे थे तो बॉल ठीक तरह से बल्ले पर नहीं आ रहा था। इसलिए मैने स्टंप के बाहर आने वाली गेंद का इंतजार किया ताकि मैं खुलकर शॉट खेल सकूं। शॉ ने शिवम मावी की गेंदों पर 25 रन बनाए। शॉ ने कहा कि मावी के साथ मैं चार-पांच सालों से खेल रहा हूं। मुझे पता था कि वे मुझे कहां गेंद डालेंगे। ऐसे में मैं शॉट खेलने के लिए पहले से तैयार था
पृथ्वी शॉ ने सीजन की सबसे तेज फिफ्टी लगाई
पृथ्वी शॉ ने 18 बॉल पर फिफ्टी लगाई। यह इस सीजन की सबसे तेज फिफ्टी रही। इससे पहले दीपक हुड्डा ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 20 बॉल पर फिफ्टी लगाई थी। ओवरऑल टूर्नामेंट में सबसे तेज फिफ्टी के मामले में पृथ्वी शॉ 15वें नंबर पर हैं। इस मामले में लोकेश राहुल 14 बॉल पर फिफ्टी के साथ टॉप पर हैं। साथ ही पृथ्वी शॉ की यह 8वीं फिफ्टी है।