(गोविन्द शर्मा की कलम से)
बिलासपुर-जोहार छत्तीसगढ़। देश के 113 स्मार्टसिटी में बिलासपुर शहर को 71 वा स्थान प्राप्त हुआ है और ये इन तीन साल में बिलासपुर में हो रहे स्मार्टसिटी के प्रोजेक्ट के कार्य को गति नही मिलने की वजह से हुआ है केंद्र सरकार की स्कीम देश के 113 शहरों को स्मार्टसिटी बनाने की पहल पर बिलासपुर को स्मार्टसिटी में शामिल भाजपा के कार्यकाल में किया गया और शहर का विकास तीव्र गति से हो इसलिए 20 वार्डो को इसमे शामिल किया गया ।
भाजपा के कार्यकाल में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने काफी मेहनत करके इस प्रोजेक्ट में बिलासपुर शहर को भी शामिल कराया था उसके बाद से शहर को इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत बहुत से कार्य हुए जिसमे प्रमुख रूप से व्यपार विहार रोड, मिट्टी तेल रोड, सेंट्रल लायब्रेरी, व्यापार विहार में प्लेनेटोरियम,वर्टिकल गार्डन जैसे कार्य उन्ही के कार्यकाल में शुरू हुए और खत्म होने की दशा में भी रहे लेकिन उसके बाद सरकार बदली और कांग्रेस के विधायक शैलेश पांडेय आये जिनकी कार्य कुशलता सिर्फ पेपर बाजी में ही दिखी आये दिन घोषणा करना उसके बाद उसे भूल जाना उनकी आदत में शुमार हो गया इन तीन सालों में न जाने उन्होंने कितनी घोषणायें की जिनकी उन्हें भी जानकारी नही होगी ?
विधायक शैलेश पांडेय के विधायक बनने के बाद इन 3 सालो में स्मार्ट सिटी का 1 प्रतिशत ही कार्य हुआ जिसके चलते शहर की रैंकिंग पीछे खिसक कर 71 वें स्थान पर पहुँच गई,बिलासपुर विधायक को ये भी पता नही होगा कि स्मार्टसिटी में कौन से 20 वार्ड शामिल है जिनका स्मार्टसिटी द्वारा विकास किया जाना है , विधायक की लापरवाही के चलते शहर का विकास पीछे हो गया स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर काफी पीछे चला गया ।
बिलासपुर की जनता ने जिस हिसाब से शैलेश पांडेय को चुनकर विधायक बनाया उसमे विधायक कही खरे उतरते नजर नही आ रहे है शहर का विकास मानो जैसे सिर्फ न्यूज पेपर में ही सिमट कर रह गया है ।