औरंगाबाद । महाराष्ट्र में परभणी जिला अस्पताल में पेड़ की एक शाखा गिरने से जीवनदायिनी ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने से आक्सीजन की आपूर्ति बाधिक हो गई और अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की जान पर बन आई। लेकिन अस्पताल कर्मचारियों की सावधानी से आक्सीजन की वैकल्पिक आपूर्ति दो-तीन मिनट के भीतर फिर से चालू कर दी गई। अस्पताल कर्मचारियों की तत्परता की वजह से एक बड़ा हादसा टल गया।
अस्पताल के कर्मचारियों के तुरंत हरकत में आने की वजह से ऑक्सीजन पर निर्भर 14 मरीजों की जान बचा ली गई। उप जिलाधीश संजय कुंडेत्कर ने बताया कि मंगलवार देर रात पाइपलाइन लीक होने का पता चलने के बाद अस्पताल स्टाफ ने मरीजों के लिए जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की। उन्होंने बताया रात करीब साढ़े 11 बजे पेड़ की एक शाखा ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन पर गिर गई थी, जिससे वह क्षतिग्रस्त हो गई। पाइपलाइन के लीक होने का पता चलते ही अस्पताल में भर्ती 14 मरीजों के के लिए तुरत-फुरत में जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई।
पाइपलाइन की मरम्मत करने के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी गई।
उप जिलाधीश कुंडेत्कर ने बताया कि महज दो-तीन मिनट के लिए ही ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित हो पाई। बाद में उसे सुचारू कर लिया गया। उन्होंने बताया कि टेक्नीशियनों ने दो घंटे के भीतर पाइपलाइन की मरम्मत कर दी। उप जिलाधीश ने बताया कि इस घटना में मरीजों को कोई तकलीफ नहीं हुई। तड़के करीब चार बजे ऑक्सीजन आपूर्ति बहाल कर दी गई। उन्होंने कहा कि आक्सीजन लीक होने पर अगर ज्यादा देर तक ध्यान नहीं दिया जाता तो बड़े पैमाने पर जनहानि हो सकती थी। उल्लेखनीय है कि नासिक में 21 अप्रैल को एक सिविक अस्पताल के भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन गैस लीक होने के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गई थी, जिसकी वजह से 22 मरीजों की मौत हो गई थी।