बिलासपुर । वर्तमान समय में चारों ओर कोरोना महामारी के प्रसार तथा इसके कारण होने वाली अप्रिय घटनाओं ने लोगों के मन में डर कायम कर दिया है। प्रत्येक पीडि़त व्यक्ति अस्पताल में भर्ती होना चाहता है तथा उसके परिवारजन भी इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। ऐसे समय में तखतपुर एसडीएम आनंद रूप तिवारी ने एक मिसाल प्रस्तुत की है और अपने कोरोना पॉजिटिव परिजनों का होम आइसोलेशन में उनका इलाज कराया है, ताकि ऐसे लोगों को हॉस्पिटल में बेड उपलब्ध हो सकें, जिन्हें अत्यधिक आवश्यकता है। यह सिलसिला शुरू हुआ जब आज से 3 माह पहले आनंद रूप तिवारी की पत्नी कोरोना पॉजिटिव हुईं। श्री तिवारी ने डॉक्टरों से परामर्श लिया और उनके द्वारा बताई गई सावधानियां बरतते हुए अपनी पत्नी की देखभाल की और उन्हें स्वस्थ कर लिया। इसके लगभग 2 माह बाद श्री तिवारी को खबर मिली की उनकी पत्नी के मामा, जो कि पाटन के महाविद्यालय में प्रोफ़ेसर हैं, को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। पाटन में उनके पास देखभाल करने वाला कोई नहीं था, इसलिए श्री तिवारी ने उन्हें बिलासपुर अपने घर बुला लिया। उनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव थी, सीटी स्कैन से पता चला की उनके फेफड़ों में 25त्न संक्रमण हो चुका है। श्री तिवारी ने तुरंत उन्हें एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया और 3 दिनों के बाद उनकी हालत को स्थिर होने पर उन्हें डिस्चार्ज करा लिया और होम आइसोलेशन में उनका उपचार चलता रहा। होम आइसोलेशन में डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाओं के साथ-साथ, काढ़ा, भाप, संतुलित आहार और हल्के योगाभ्यास को भी उनकी दिनचर्या में शामिल कराया। 10 से 12 दिनों तक इस दिनचर्या का पालन करने पर श्री तिवारी के मामा जी की रिपोर्ट नेगेटिव आई और वे पूर्णतया स्वस्थ हो चुके हैं। इसी बीच खबर मिली की श्री तिवारी की नानी जी की भी तबीयत खराब है। उन्होंने तत्काल अपनी नानी को बिलासपुर बुलवाया, उनका कोरोना टेस्ट कराया। रिपोर्ट पॉजिटिव थी और फेफड़ों में इन्फेक्शन 40त्न था। उन्होंने डॉक्टरों से परामर्श लेकर और अपने पहले के अनुभव के आधार पर नानी जी का इलाज भी होम आइसोलेशन में कराने का निश्चय किया। 77 वर्षीय नानी जी को होम आइसोलेशन में उन्हें डर भी लग रहा था, परंतु यह विश्वास भी था की वह ठीक भी हो जाएंगी। सबसे पहले नानी जी की कमजोरी को देखते हुए उन्हें 4 दिन तक लगातार ताकत की बोतलें चढ़वाई, और स्थिति में सुधार होते ही उनकी दिनचर्या में डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाइयों के साथ-साथ काढ़ा, भाप, संतुलित आहार और हल्का योगाभ्यास या व्यायाम शामिल कराया। नानी जी की हिम्मत और आत्मविश्वास देखिए कि उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नौवें दिन ही नेगेटिव आ गई। श्री तिवारी ने तीन लोगों का अपने घर पर ही होम आइसोलेशन में डॉक्टरों के परामर्श उपचार किया साथ ही उन्होंने अपने भाई अर्पित, बहन सविता और दामाद को भी फोन पर मार्गदर्शन उपलब्ध कराया, जिसके फल स्वरूप वे लोग भी होम आइसोलेशन में ही कोरोना को मात दे चुके हैं। इस कार्य में उनकी पत्नी श्रीमती विजयलक्ष्मी तिवारी ने भी उनका साथ दिया। इस कार्य के लिए श्री तिवारी की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। बिलासपुर जैसे बड़े जिले में एसडीएम के रूप में तैनात होना अपने आप में ही एक बड़ी चुनौती है, परंतु आपने प्रशासनिक जिम्मेदारी के साथ-साथ अन्य चुनौतियों का भी डटकर मुकाबला किया। श्री तिवारी कहते हैं कि _”जो भी लोग कोरोना पॉजिटिव हैं, उन्हें डरना बिल्कुल नहीं चाहिए। डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाइयों का नियमित सेवन करें। अपनी दिनचर्या में काढ़ा, भाप, संतुलित आहार और हल्का व्यायाम शामिल करें। ऐसा करने पर होम आइसोलेशन में ही कोरोना का इलाज संभव है। यदि किसी को भी कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत जांच कराएं और लापरवाही ना बरतें।