भोपाल। राजधानी में कोरोना संक्रमण की बेकाबू रफ्तार ने अखरने वाले आयाम अख्तियार कर लिए हैं। हालात यह हैं कि संक्रमित हुए सामान्य मरीजों के लिए भी अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं। ऐसी स्थिति में शहर के अनेक सामाजिक संगठनों ने पीडि़तों के लिए राहत के दरवाजे खोल दिए हैं। जैन समाज ने शहर में स्थित चार धर्मशालाओं को कोविड का क्वारंटाइन सेंटर बना दिया है। उधर गुजराती समाज ने भी ऐसे समाज बंधुओं के लिए गुजराती भवन के दरवाजे खोल दिए हैं, जिनके परिजन पॉजीटिव आ गए हैं। इन दोनों स्थानों पर भोजन, ठहरने की सुविधा निशुल्क है। श्री दिंगबर जैन पंचायत कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु ने बताया कि विश्व बंधुत्व की भावना से कोरोना काल में जैन समाज सेवा कार्य कर रहा है। पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन के बाद से अन्नपूर्णा वाहन रोजाना सुबह-शाम शहर में घूमता है। विशेषकर शहर के अस्पतालों में भर्ती निर्धन मरीजों की तीमारदारी में लगे लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। फुटपाथ पर रहने वाले असहाय लोगों को भी भोजन कराया जा रहा है। प्रमोद हिमांशु ने बताया कि शहर में स्थित ट्रस्ट की चार धर्मशालाओं को क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया है। इसमें आने वाले मरीजों को भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों से अपील की गई है कि वे इन स्थानों पर आकर (निशुल्क अथवा सशुल्क) अपनी सेवाएं दें, ताकि लोग शीघ्र स्वस्थ होकर अपने परिवार में वापस लौट सकें। बता दें कि हबीबगंज जैन मंदिर धर्मशाला में 40 बिस्तर, जवाहर चौक जैन मंदिर धर्मशाला में 60 बिस्तर, दो हॉल, चौक मंदिर (संत भवन) 50 बिस्तर, 25 कमरे, एक हॉल, झिरनों मंदिर (रॉयल मार्केट) धर्मशाला में 30 बिस्तर, 15 कमरे, गुजराती भवन में 22 कमरे है, जिन्हें क्वारेंटाइन सेंटर के रुप में बदला जा रहा है। श्री गुजराती समाज के अध्यक्ष संजय पटेल ने बताया कि घर में एक भी सदस्य के संक्रमित होने पर पूरा परिवार परेशान हो जाता है। लोगों के पास घर छोटा होने पर मुसीबत और बढ़ जाती है। इस समस्या को देखते हुए समाज के लोगों के लिए गुजराती भवन के 22 कमरे निशुल्क उपलब्ध हैं। उन्हें भोजन की निशुल्क सुविधा भी मिलेगी। इसमें संक्रमित व्यक्ति अपने घर में ही क्वारंटाइन रहेगा, परिवार के सदस्य समाज के भवन में रह सकते हैं।