नई दिल्ली । हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नरेंद्र कोहली का निधन हो गया। उन्होंने शाम 6 बजकर 40 मिनट पर दिल्ली के सेंट स्टीफंस हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। वे कोरोना पॉजिटिव थे। उनकी हालत खराब होने के बाद शुक्रवार को उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। वे कुछ दिनों पहले संस्कार भारती के ‘कला संकुल’ के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। कोहली की पहली कहानी 1960 में प्रकाशित हई थी। वे वाणी प्रकाशन ग्रुप से 1988 से जुड़े हुए थे। उनकी 92 पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं। कोहली पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित थे। उनका जन्म 6 जनवरी 1940 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। उन्होंने अहल्या, युद्ध, वासुदेव और अभ्युदय जैसी प्रसिद्ध किताब लिखीं। उन्हें अपने लेखक होने पर गर्व था। एक बार उन्होंने कहा था कि मुझे सचिन तेंदुलकर न बन पाने का अफसोस नहीं है, क्योंकि मुझे पता है कि तेंदुलकर कभी नरेंद्र कोहली नहीं बन सकते हैं। किसी को लेखक बनाया नहीं जा सकता, लेखक जन्म से ही होते हैं।