मुंबई । कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा रेमडेसिविर को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है। दरअसल, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र पुलिस दमन स्थित रेमडेसिविर सप्लायर को सिर्फ इसलिए परेशान कर रही है क्योंकि वहां का सप्लायर भाजपा नेताओं के अनुरोध पर राज्य को रेमडेसिविर का स्टॉक देने पर राजी हो गया था। हालांकि, महाराष्ट्र पुलिस ने इन आरोपों से पल्ला झाड़ दिया है। पुलिस का कहना है कि दवा की कालाबाजारी ना हो इसलिए वह बस स्टॉक की जांच के लिए निकले थे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान फडणवीस ने कहा, चार दिन पहले, हमने ब्रुक फार्मा से महाराष्ट्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टॉक की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि वह अनुमति नहीं दे सकते थे। मैंने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया से बात की और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से रेमडेसिविर सप्लाई के लिए अनुमति ली, जिसके बाद शनिवार की रात पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपों को किया खारिज
इधर, डीसीपी ने पूर्व मुख्यमंत्री के आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस ने किसी भी रेमडेसिविर सप्लायर को गिरफ्तार नहीं किया है। हमने बस उसे पूछताछ के लिए बुलाया था क्योंकि हमें एंटीवायरल दवा की व्यापक कालाबाजारी की सूचना मिली थी।