भोपाल । प्रदेश के उद्योग विभाग की योजना है कि एक जिले में एक ही जिला उद्योग केंद्र संचालित किया जाए। विभाग को प्रदेश के जिन तीन जिला उद्योग केंद्रों को बंद करना है, उनमें ग्वालियर का मालनपुर, धार जिले का पीथमपुर एवं मंडीदीप जिला उद्योग केंद्र शामिल है। विभाग ने यह बताते हुए प्रस्ताव पास कर दिया है कि एक जिले में दो जिला उद्योग केंद्र हैं, इसलिए उपरोक्त केंद्रों को बंद करने का अनुमोदन किया जाता है। राजधानी भोपाल के पास स्थित औद्योगिक नगरी मंडीदीप में जिला उद्योग केंद्र को बंद करने की भनक लगते ही उद्योपतियों ने इसका विरोध शुरु कर दिया है। उनका कहना है कि जिला उदयोग केंद्र बन होने से उद्योगपति को छोटे-छोटे कार्यों के लिए जिला मुख्यालय यानी रायसेन के चक्कर काटना पड़ेंगे। विभाग द्वारा मंडीदीप जिला उद्योग केंद्र को बंद करने की जानकारी एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मंडीदीप अध्यक्ष राजीव अग्रवाल को मिला तो उन्होंने साथी उद्योगपतियों से चर्चा कर इसे रुकवाने पर विचार-विमर्श किया। 13 अप्रैल को एसोसिएशन कार्यालय में कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने बैठक रखी थी, जिसमें विधायक सुरेंद्र पटवा, कलेक्टर उमाशंकर भार्गव, एसपी मोनिका शुक्ला के साथ ही अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष, राजीव अग्रवाल ने मंडीदीप उद्योग केंद्र को बंद करने का मुद्दा उठा कर विरोध दर्ज करवाया कि मंडीदीप में उद्योग हैं। हमें छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर रायसेन जाना पड़ेगा। इन्होंने यह भी कहा कि यदि बंद ही करना है तो रायसेन उधोग केंद्र को बंद किया जाए, क्योंकि वहां कोई उद्योग नहीं है। मंडीदीप केंद्र से सैकड़ों उधमी जुड़े हैं। इसे बंद करना न्यायोचित नहीं है। इस पर विधायक पटवा ने उद्योगपतियों को आश्वासन दिया है कि मंडीदीप जिला उद्योग केंद्र बंद नहीं किया जाएगा। मंडीदीप जिला उद्योग केंद्र को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका था, कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इसे बंद कर दिया जाता। लेकिन उद्योगपतियों की समस्याओं को देखते हुए मंडीदीप जिला उद्योग केंद्र को बंद नहीं किया जाएगा। इस बारे में एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज मंडीदीप के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल का कहना है कि बैठक में हमने अपनी बात तथ्यों के साथ रखते हुए उद्योगपतियों को होने वाली परेशानियों से विधायक और कलेक्टर को अवगत कराया था।