भोपाल । प्रदेश की राजधानी भोपाल में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए बनाए पांच केंद्रों पर महिलाएं ही गेहूं की खरीदी से जुडे सभी काम संभाल रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश में भोपाल, सागर और सतना जिले में यह प्रयोग पहली बार किया गया है जहां तुलाई करने वाले से लेकर हिसाब-किताब रखने वाली सभी महिलाएं है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि सिर्फ पुरुष ही नहीं, बल्कि महिला किसान भी अपना गेहूं इन तुलाई केंद्र में आकर आसानी से बेच सकती हैं। बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी एक अप्रैल से शुरू हो गई है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 72 खरीदी केंद्र बनाए गए है। इन सभी केंद्रों पर तो खरीदी चल ही रही है लेकिन पांच खरीदी केंद्र ऐसे हैं, जहां महिलाएं गेहूं खरीदी कर रही है। इन तुलाई केंद्रों में गेहूं खरीदी का काम भी तेजी से चल रहा है। यही कारण है कि अब तक 5000 क्विंटल गेहूं खरीदी हो चुकी है। भोपाल में जिन स्व-सहायता समूहों को गेहूं खरीदी का जिम्मा दिया गया है उसमें निकिता स्व-सहायता समूह, फरकान स्व-सहायता समूह, रानी लक्ष्मीबाई स्व-सहायता समूह, जय संतोषी स्व-सहायता समूह व श्री राम स्व-सहायता समूह शामिल हैं। इन समूहों की महिलाएं पूरे उत्साह के साथ उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की खरीद कर रही हैं। इस बारे में जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी ज्योतिशाह नरवरिया ने बताया कि पांच खरीदी केंद्र महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से संचालित किए जा रहे है। इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि समर्थन मूल्य पर गेहूं के उपार्जन के लिए जिले में उपार्जन केंद्र संचालन की पात्रता न होने व जिले में पात्र संस्था उपलब्ध न होने के चलते नए केंद्र बनाने में समस्या आ रही थी। इसके चलते जिला पंचायत में पंजीकृत स्व-सहायता समूह को उपार्जन का कार्य दिया गया है।