रायपुर । सीएम भूपेश बघेल के कोरोना मोर्चे पर आने और राज्य से दो अफसरों को मुंबई और हैदराबाद भेजने का असर सामने आने लगा है। पिछले दो दिन में राज्य को रेमडेसिविर के 10 हजार इंजेक्शन मिले हैं, जिनका राज्य में जबर्दस्त संकट चल रहा है। सरकार ने एक सिस्टम बनाकर इन जीवनरक्षक इंजेक्शनों को सीधे अस्पतालों में भेजना शुरू किया है। हालांकि इस इंजेक्शन के लिए वो लोग भी भटक रहे हैं जो अस्पताल में बेड नहीं मिलने की वजह से होम आइसोलेशन में हैं और उन्हें इसकी सख्त जरूरत है। ऐसे लोगों के लिए फिलहाल सरकार ने कोई सिस्टम नहीं बनाया है। संक्रमण के दूसरे दौर में रेमडेसिविर की मांग इतनी तेजी से बढ़ी और शार्टेज इतना हुआ कि 900 रुपए के इंजेक्शन के लिए लोग 5 से 15 हजार रुपए तक खर्च कर रहे हैं। इस वजह से सरकार ने इन इंजेक्शनों की सप्लाई अपने हाथ में ले ली है। दो दिन में प्रदेश में रेमडेसिविर के 9100 इंजेक्शन मिल चुके हैं। इनमें सन फार्मा के 4600, कैडिला के 1600, मॉयलान के 2600 इंजेक्शन हैं। इन्हें प्रदेश के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में भेजा गया है। हालांकि बड़ी संख्या में लोग निजी अस्पतालों में भी भर्ती हैं, लेकिन वहां केवल 300 इंजेक्शन ही भेजे गए हैं।