रायपुर । कोरोना संक्रमण की भयावह होती स्थिति के बीच जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया है। जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि उन्हें खराब गुणवत्ता के पीपीई किट, मास्क और सर्जिकल ग्लव्स पहनकर कोरोना ड्यूटी को मजबूर किया जा रहा है। इसकी वजह से उनमें आधे से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमित रेजिडेंट डॉक्टरों को अवैतनिक अवकाश के लिये मजबूर किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा संचालक को ज्ञापन सौंपकर बताया, कि वे लोग मंगलवार से कोरोना और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर शेष कार्यों को तत्काल प्रभाव से बंद कर रहे हैं। उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो 15 अप्रैल से वे आपातकालीन सेवाएं भी बंद कर देंगे। फिर भी बात नही मानी गई तो 18 अप्रैल सुबह 8 बजे से कोविड ड्यूटी भी छोड़ देंगे। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. आरके सिंह से इस संबंध में बातचीत जारी है। रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना ड्यूटी के गुणवत्ता वाले पीपीई किट, एन-95 मास्क और ग्लव्स की मांग लंबे समय से की जा रही है। अभी तक प्रशासन ने इसका संज्ञान तक नहीं लिया है। पीपीई किट के नीचे पहनने के लिए स्क्रब तक उपलब्ध नहीं है।