टोक्यो । जापान सरकार ने फुकुशिमा के रेडियोधर्मी पानी को समुद्र में छोडऩे का फैसला किया है। जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने मंगलवार को बताया कि फुकुशिमा के दस लाख टन से अधिक रेडियोधर्मी पानी को समुद्र में छोडऩे की योजना को मंजूरी दे दी है। इस घोषणा के बाद से पड़ोसी देशों और मछुआरों ने रेडियोधर्मी पानी को समुद्र में छोडऩे का विरोध किया है। बता दें कि मार्च, 2011 में भूकंप और सूनामी के कारण फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र तबाह हो गया था। उसके बाद से जापान की बिजली कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के पास दस लाख टन से अधिक रेडियोधर्मी पानी जमा हो गया है, जिसे अब समुद्र में बहाने के लिए जापान सरकार ने मंजूरी दे दी है। हालांकि, रेडियोधर्मी पानी को समुद्र में छोड़े जाने की शुरुआत दो साल से पहले होती नजर नहीं आ रही है। लेकिन स्थानीय मछुआरों और दक्षिण कोरिया से लेकर फिलीपींस और चीन ने चिंता जताते हुए इस फैसले का विरोध किया है। रेडियोधर्मी पानी को समुद्र में छोड़े जाने के विरोध पर जापान की सरकार ने तर्क दिया है कि पानी को लगभग सभी रेडियोधर्मी तत्वों को हटाने के लिए संशोधित किया जा रहा है, इसके बाद इसे समुद्र में छोड़ा जाएगा। साथ ही कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने इसका समर्थन किया है।
एक दशक से चर्चा में है रेडियोधर्मी पानी
बता दें कि फुकुशिमा में जमा दस लाख टन से अधिक रेडियोधर्मी पानी पिछले एक दशक से चर्चा के केंद्र में रहा है। दक्षिण कोरिया ने फुकुशिमा क्षेत्र से आने वाले सीफूड पर पाबंदी लगाई हुई है। पिछले साल दक्षिण कोरिया ने जापान से इस पर सफाई भी मांगी थी कि रेडियोधर्मी पानी के साथ वह क्या करना चाहता है।