बिलासपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दूसरे राज्यों से सड़क, ट्रेन व हवाई मार्ग से आने वाले प्रत्येक यात्री की कड़ाई से कोरोना जांच करें। जिला प्रशासन, निजी संस्थानों का साथ लेकर छोटे-बड़े प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्री की कोविड टेस्टिंग सुनिश्चित हो। जिन यात्रियों के पास 72 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट हो उन्हें ही जाने की अनुमति दी जाये। आवश्यकतानुसार यात्रियों को क्वारांटीन सेंटर व आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था की जाये।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से रायपुर, बिलासपुर तथा दुर्ग के कलेक्टर्स, चिकित्सा विशेषज्ञों, इंडियन मेडिकल एसोसियेशन व ड्रग एसोसियेशन के प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान अधिकारियों को यह निर्देश दिया। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव व मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू सहित प्रदेश के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
श्री बघेल ने कहा कि कोरोना से निपटने की बहुत बड़ी चुनौती हमारे सामने है। यह कठिन दौर है। हमें योजनाबद्ध ढंग से इसका सामना करना है। छत्तीसगढ़ में आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों की वापसी होने की संभावना है। इसे देखते हुए उनके लिये आइसोलेशन व क्वारांटीन सेंटर की तैयारी रखी जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना टेस्टिंग की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में बढ़ाई गई है। इस बार बच्चे और नौजवान भी बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं यह चिंता की बात है। वैक्सीनेशन में हमारा प्रदेश टॉप पर है। प्रदेश में चार नये टेस्टिंग लैब शीघ्र स्थापित हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में उत्पादित ऑक्सीजन की पहले राज्य के अस्पतालों में आपूर्ति की जायेगी, अतिरिक्त होने पर ही दूसरे राज्यों को उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अस्पतालों में आईसीयू व वेंटिलेटर बढ़ाने बड़े औद्योगिक घरानों, क्षेत्र के विधायकों तथा अन्य दानदाताओं का सहयोग लें।
उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने गरीब वर्ग के लोगों को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना का लाभ दिलायें। स्वास्थ्य अधिकारियों से उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की जहां से भी हो सकती है, आवश्यकता अनुसार उपलब्धता सुनिश्चित करें। श्री बघेल ने कहा कि चिकित्सकों ने अनेक सुझाव दिये हैं जिन पर विचार कर कार्रवाई करेंगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश में 85 हजार से अधिक पॉजिटिव केस हैं। आने वाले समय में पॉजिटिव केस 1.5 लाख तक पहुंच सकते हैं। इस आंकड़े के आधार पर योजना बनायें। ऑक्सीजन की उपलब्धता पर भी विशेष ध्यान दिया जाना है। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की जहां जरूरत है वहीं इसे लगाया जाये। इसकी पूर्ति सीजीएमएससी के माध्यम से की जा रही है।
बिलासपुर के कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने जानकारी दी कि जिले में 16 अस्पतालों में कोविड का इलाज किया जा रहा है। इन अस्पतालों में 635 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं और 90 वेंटिलेटर की सुविधा है। बिलासपुर में तीन ऑक्सीजन प्लांट हैं। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिये टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि जिले में बुधवार 14 अप्रैल से अगले बुधवार तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि युवा वर्ग कोरोना से ज्यादा प्रभावित हो रहा है, लेकिन यहां मृत्यु दर नियंत्रित है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बिलासपुर के चिकित्सकों से चर्चा की। किम्स के डॉ. रवि शेखर, अपोलो हास्पिटल के डॉ. मनोज राय, महादेव हॉस्पिटल के डॉ. आशुतोष तिवारी, डॉ. अखिलेश देवरस, डॉ. श्रीकांत गिरी ने कहा कि उन्हें जिला प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है और कोरोना पीडि़त मरीजों को बेहतर इलाज देने का प्रयास कर रहे हैं। डॉ. गिरी ने बताया कि कोरोना से पीडि़त बच्चों के इलाज के लिये अलग व्यवस्था भी की गई है।
वीडियो कांफ्रेंस में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैरिश एस., अपर कलेक्टर नुपूर राशि पन्ना, श्री बीएस उइके, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन एवं जिले के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।