भोपाल । राजधानीमें कोरोना संक्रमण के मरीजों की मौतों का आंकडा डरा देने वाला है। हालात इस कदर बिगड गए है कि कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए तय भदभदा विश्राम घाट पर गुरुवार को मरीजों की अंत्येष्टि के लिए जगह ही नहीं बची। आनन-फानन में विश्राम घाट समिति को अस्थायी केंद्र बनाकर शवों के अंतिम संस्कार करने पड़े। भदभदा विश्राम घाट पर गुरुवार को कोरोना से मरने वाले 31 लोगों का अंतिम संस्कार हुआ। इसमें से 13 भोपाल के थे, वहीं 18 आसपास के जिलों के लोग थे। इसके अलावा 5 सामान्य मौतों वाली पार्थिव देह थीं। विश्राम घाट समिति के मुताबिक एक दिन में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार के लिए शव आए हैं। वहीं झद्दा कब्रस्तान में 5 कोरोना संक्रमित लोगों के शव पहुंचे। जबकि प्रशासन के मुताबिक गुरुवार को कोरोना से सिर्फ 4 लोगों की मौत हुई है। गुरुवार को कोरोना की वजह से आठ महीने की एक बच्ची अदिवा खान भी दुनिया से रुखसत हो गई। कोरोना से गुरुवार को एक 8 महीने की बच्ची अदिवा खान की भी मौत हो गई। उसे झद्दा कब्रस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उसके पिता कामिल खान ने बताया कि अदिवा को 24 मार्च को झटके आने की वजह से एम्स में भर्ती कराया था। एम्स में ही वह कोरोना संक्रमित हो गई थी। अदिवा अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। एक ही दिन में इतने शव आने की वजह से विश्राम घाट समिति ने कोरोना से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के लिए विद्युत शवदाह गृह परिसर में अस्थायी व्यवस्था की। इसके साथ ही आने वाले दिनों को ध्यान में रखते हुए 30 अतिरिक्त चिता स्थल के निर्माण की तैयारी शुरू कर दी गई है। अगले दो से तीन दिन में इन चिता स्थल का निर्माण हो जाएगा।