भोपाल । राजधानी में सोयाबीन की फसल किसानों के लिए वाकई में सोना बन गई है। किसानों का पीला सोना कहलाने वाली सोयाबीन के भाव इस साल आसमान छू रहे हैं। जिन किसानों ने पिछले साल मंडियों में सोयाबीन नहीं बेची थी, वे अब मालामाल हो रहे हैं। भोपाल की करोंद मंडी में सोयाबीन के भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके हैं। गुरुवार को करोंद मंडी में सोयाबीन 6263 रुपये प्रति क्विंटल में बिकी। अनाज व्यापारियों का कहना है कि इससे पहले कभी भी सोयाबीन के भाव इतने अधिक नहीं हुए हैं। अनाज मंडी व्यापारी के अध्यक्ष हरीश कुमार ज्ञानचंदानी ने बताया कि पहली बार सोयाबीन के भाव इतने अधिक हुए हैं। दरअसल, इस समय विदेशी बाजार तेज है और उत्पादन कम हुआ है। इस वजह से भी भाव में तेजी है, जो आगे भी जारी रह सकती है। डेढ़ महीने में सोयाबीन पर लगभग 1200 रुपये प्रति क्विंटल तक का इजाफा हुआ है। मार्च के शुरुआती दिनों में भाव पांच हजार रुपये से कम थे, जो अब 6200 रुपये से अधिक हो चुके हैं। प्रतिदिन भाव बढ़ रहे हैं। हालांकि, आवक का आंकड़ा सैकड़ा तक भी नहीं पहुंच पा रहा है। औसत 50 क्विंटल तक ही आवक हो रही है। करोंद मंडी के प्रमुख अनाज व्यापारी संजीव कुमार जैन ने बताया कि पिछले साल अतिवृष्टि एवं अफलन की वजह से भोपाल समेत पूरे प्रदेश में सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई थी। करोंद मंडी में दागी सोयाबीन की ही आवक रही थी। सीजन के दौरान प्रतिदिन की आवक औसत डेढ़ हजार क्विंटल भी नहीं थी, जो वर्तमान में घटकर औसत 50 क्विंटल तक ही है। यही हाल सोयाबीन उत्पादक अन्य देशों में भी रहे हैं। इसलिए सोयाबीन के भाव बढ़े हुए हैं। आगे भी इसी तरह की बढ़ोतरी होगी। पिछले साल सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई थी। प्रति एकड़ उत्पादन भी कम हुआ था। इस कारण अधिकांश किसानों ने फसल बेच दी थी, लेकिन कुछ ने सहेजकर रख ली थी। ऐसे किसान अब मंडी में पहुंचकर सोयाबीन बेच रहे हैं। आवक कम एवं मांग अधिक होने के कारण सोयाबीन के भाव भी बढ़ गए हैं।