भोपाल । कोरोना मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए जधानी के समीप मंडीदीप एवं गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगपतियों को आक्सीजन की आपूर्ति के प्रभावित होने की चिंता सताने लगी है। उद्योगपतियों को आशंका है कि कहीं बीते साल की तरह इस बार भी आक्सीजन की समस्या खडी ना हो जाए। उन्हें डर है कि कहीं उद्योगों में ऑक्सीजन की सप्लाई न रूक जाए। यदि ऐसा हुआ तो 600 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग बंद हो जाएंगे। दरअसल, महाराष्ट्र एवं गुजरात के अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है। इसका असर यहां भी पड़ सकता है। ऐसे में कलेक्टर अविनाश लवानिया ने ऑक्सीजन प्लांट 24 घंटे संचालित करने के निर्देश दिए हैं, जिसकी मानीटरिंग के लिए टीम भी बनाई गई है। सबसे पहले अस्पतालों को ऑक्सीजन दी जाएगी। फिर उद्योगों को। चूंकि, पिछले साल इसी तरह की स्थिति निर्मित हुई थी। लिहाजा, उद्योगपति की चिंता बढ़ गई है। गोविंदपुरा में 1100 से अधिक लघु उद्योग हैं, जबकि मंडीदीप में 500 से ज्यादा छोटे-बड़े उद्योग हैं। पिछले साल जुलाई-अगस्त में दोनों औद्योगिक क्षेत्रों में ऑक्सीजन की सप्लाई करीब डेढ़ महीने तक रुकी रही थी। इस कारण सैकड़ों उद्योगों पर असर पड़ा था। खासकर फेब्रिकेशन एवं फार्मा से जुड़े उद्योग बंद हो गए थे और उद्योगपतियों को सड़क पर उतरना पड़ा था। ऑक्सीजन के अभाव में हजारों ऑर्डर कैंसिल भी हो गए थे और उद्योगों को भारी नुकसान हुआ था। गोविंदपुरा औद्योगिक एसोसिएशन के सचिव मदनलाल गुर्जर ने बताया कि स्वास्थ्य को लेकर प्राथमिकता दी जानी चाहिए, किंतु उद्योगों में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद न हो। इसको लेकर भी उपाय किए जाने चाहिए। पिछले साल ऑक्सीजन संकट की वजह से काफी घाटा उठा चुके हैं। वर्तमान में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर आ रही खबरों से उद्योगपति चिंतित हैं।