कोरबा क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में आज भी पहुंच मार्ग की समस्या बनी हुई है। गांवों और बस्तियों तक आसान पहुंच नहीं होने के कारण अनेक बार स्वास्थ्यगत परेशानियों का सामना ग्रामीणों को करना पड़ता है। स्वास्थ्य की सुविधा मुहैया कराने वालों का दृढ़ आत्मबल और इच्छाशक्ति अनेक ऐसे मौकों पर अपनी सेवा भावना का उदाहरण पेश करते हैं जिसके कारण दूरस्थ अंचल के ग्रामीणों को समय पर स्वास्थ्य लाभ मिलकर उन्हें जीवनदान मिल पाता है।
कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम सिमकेंदा से आगे दूर पहाड़ पर बसे पहाड़ी कोरवा गर्भवती महिला गीता के साथ पेश आया। बताया गया कि गीता को तेज प्रसव पीड़ा उठी तब मितानिन के द्वारा पहाड़ी कोरवा बस्ती से डॉयल 102 मितानिन एक्सप्रेस को सूचना दी गई। करतला पीएचसी के महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस को मौके के लिए रवाना किया गया। खरबदन कश्यप व नरसिंह पटेल एम्बुलेंस लेकर मौके के लिए रवाना हुए लेकिन पहाड़ी कोरवा बस्ती तक जाने के लिए उचित मार्ग न होने के कारण जंगल में एम्बुलेंस को खड़ा कर पैदल आगे बढ़े। इस बीच पता चला कि गीता की प्रसव पीड़ा और बढ़ गई है तथा उसका पैदल चलकर एम्बुलेंस तक आना मुश्किल हो रहा है। ऐसे वक्त में एम्बुलेंस कर्मियों ने प्रसूता को कांवर में बिठाया और करीब 1 किलोमीटर तक कांधे में उठाकर एम्बुलेंस तक लाया। इसके बाद करतला के अस्पताल पहुंचाया जहां पहाड़ी कोरवा महिला गीता अब पहले से ठीक है।