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उत्तराखंड में एक दिन में 63 हेक्टेयर जंगल खाक

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देहरदून । उत्तराखंड में जंगलों के जलने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। पिछले 24 घंटों में जंगल जलने की 40 घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे 63 हेक्टेयर जंगल जल गए।  मुख्य वन संरक्षक, वनाग्नि मान सिंह ने बताया कि पिछले चौबीस घंटे में गढ़वाल में 23 और कुमाऊं में 16 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गईं। जिसमें 63 हेक्टेयर जंगल जल गया। एक अक्टूबर से अब तक 964 घटनाओं में 1264 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। 12 हजार वनकर्मी और फायर वाचर आग बुझाने के लिए तैनात किए हैं। वहीं,पीसीसीएफ ने कहा कि जिस तरह तापमान बढ़ रहा है उससे आग बांज के जंगलों तक पहुंचने की आशंका है। इसलिए पहले से इसकी तैयारी करनी होगी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध कर हेलीकाप्टर की मांग की है ताकि वनाग्नि पर काबू पाया जा सके। चिंता जताते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश में जल रहे जंगलों की आग बुझाने के लिए एनडीआरएफ को भी तैनात किया जाए। वनों की आग से न सिर्फ़ वन सम्पदा की हानि हो रही है बल्कि जन हानि और वन्य जीवों को भी नुकसान हो रहा है। वनाग्नि की घटनाओं की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों, वन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और सभी जिलाधिकारियाें की मीटिंग बुलायी है। मामले को गंभीरतो से लेते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने आग पर काबू पाने और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने तुरंत एनडीआरएफ की टीमें और हेलिकॉप्टर उत्तराखंड सरकार को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए हैं। कहा कि उत्तराखंड में वनाग्नि रोकने को हर संभव मदद दी जाएगी। वर्ष 2016 में पार्क के बिजरानी जोन में भीषण आग लगी थी। इसे काबू में करने में एक सप्ताह से ज्यादा समय लगा था। यह आग कॉर्बेट पार्क की अब तक की सबसे भीषण आग बताई जाती है।

कार्बेट पार्क के निदेशक राहुल ने बताया कि कॉर्बेट में आग की घटनाओं पर नजर रखने के लिए 100 से अधिक क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। 500 से अधिक कर्मचारी लगाए गए हैं। ऑनलाइन भी नजर रखी जा रही है। ड्रोन से भी नजर रखने का काम किया जा रहा है।

आग की घटनाओं पर नजर रखी जा रही है। प्रभाग में आग की कई घटनाएं सामने आई हैं। कर्मचारियों को ऐसी घटनाओं पर नजर रखने को कहा गया है।

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