धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
लॉक डाउन के दौरान प्रवासियों को घर पर ही रोजगार मिल सके और अपनों के बीच रहकर लोग बाग जीवन गुजारा कर सके इसलिए सरकार ने मनरेगा जैसी महत्त्वपूर्ण योजना को गांव-गांव तक पहुंचाया लेकिन ग्रामीण मजदूरों को क्या पता की मनरेगा की राशि उनके खाते तक पहुंचने में महीनों साल बीत जायेंगे कुछ इसी तरह का मामला धरमजयगढ़ विकासखण्ड के कापू क्षेत्र के नजदीक ग्राम पंचायत में देखने को मिल रहा है। धरमजयगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत सुपकालो में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत डबरी निर्माण का कार्य कराया गया। लेकिन मजदूरी कराने के बाद इस गांव के कई व्यक्तियों की शिकायत सामने आई है जिसमे विगत कई महीनों पूर्व ग्राम पंचायत सुपकालो के आधे से ज्यादा ग्रामीण मजदूर मनरेगा के इस डबरी निर्माण कार्य में अपने खून पसीना एक किये थे। लेकिन उनकी मेहनताना आज तक उन्हें नहीं मिली है। इस मामले में एक ग्रामीण से जब पूछा गया तो उसने बताया कि उसने 25 से 30 दिन डबरी निर्माण में कार्य किया था लेकिन आज तक उसे उसकी मजदूरी का एक रुपया भी नसीब नहीं हुआ है। लॉक डाउन के दौरान सरकार ने गरीब ग्रामीणों की परवाह में मनरेगा के तहत पंचायतो को डबरी, तालाब तथा कुंआ जैसे कार्य दिए गय ताकि ग्रामीणों को लॉक डाउन के दौरान हुई तकलीफ ों से कुछ राहत मिल सके। लेकिन विडंबना यह है कि इतने माह से इन ग्रामीण मजदूरों के खाते में मजदूरी भुगतान की राशि नहीं आ रही है। और रोजगार सचिव अपने घर का चक्कर कटवा रहा है। ऐसे में नाराज ग्रामीण जल्द ही धरमजयगढ़ जनपद मुख्यायल का रुख करने की बात कर रहे हैं।