धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
धरमजयगढ़ वन मंडल में खुलकर जंगल राज चल रहा है इस विभाग के कर्मचारी तो क्या अधिकारियों को भी तस्करों से कोई लेना देना नहीं है। जिसका नतीजा है कि आये दिन वन संपदाओं का दोहन हो रहा है। धरमजयगढ़ रेंज के आमापाली और आमगांव बीट में ग्रामीण बेजा कब्जा करने के लिए सैकड़ों पेड़ काट डाले लेकिन क्या इसकी भनक बीट गार्ड को नहीं लगा ये फिर बीट गार्ड कभी अपने बीट में झांकने तक नहीं जाते हैं। आमापाली और खलबोरा के बीच एक ग्रामीण ने वन भूमि पट्टा पाने के चक्कर में कई छोटे-बड़े साल व अन्य पेड़ को काट डाले और खेती करते हैं दिखाने के लिए जंगल में हल चाला दिया गया। ताकि वन अधिकार पट्टा मिल सके। गजब की बात है कि इस जंगल में आप दिन के किसी भी समय चले जाये सिर्फ पेड़ काटने की आवाज सुनाई देगा। लेकिन इस विभाग के अधिकारी कर्मचारी इतने कान में कम सुनते हैं कि पेड़ काटने की आवाज सुनाई नहीं देता है। पेड़ कटाई के बारे में ग्रामीणों से चर्चा करने पर ग्रामीणों ने बताया कि सबका पेट पाट है सब मिल जूलकर चलते हैं जिसके कारण वन विभाग कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। हर दिन मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद भी वन विभाग के कान में जूं तक नहीं रेंगना समझ से परे हैं। धरमजयगढ़ वन मंडल के सभी रेंज में अंधाधुंध पेड़ों की कटाई किया जा रहा है। लेकिन अधिकारी कर्मचारियों को इस अवैध कटाई से कोई सारोकार नहीं है क्योंकि सरकार इनको समय पर वेतन तो दे ही देते हैं। फिर काम करने का क्या मतलब है जब बिना काम करे वेतन मिल जाये।