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चरखापारा के ग्रामीणों ने जनपद पंचायत अधिकारी से की मांग मवेशी बाजार का करें नीलामी …

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धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
मवेशी बाजार के नाम पर चरखापारा पंचायत में खुलकर बंदरबांट का आरोप चरखापारा के ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव पर लगा रहे हैं ग्रामीणों ने जनपद पंचायत अधिकारी से मांग की है कि चरखापारा मवेशी बाजार का खुली नीलामी करवाये ताकि पंचायत को प्राप्त होने वाली राशि का बंदरबांट न हो सकें। ग्रामीणों ने पे्रस को बताया कि चरखापारा पंचायत में संचालित हो रहा मवेशी बाजार को अगर पंचायत नीलामी करवाते हैं तो बाजार कम से कम 35 से 40 लाख रूपये में नीलामी जायेंगे और इन राशि से पंचायत का बहुत सारा विकास हो सकता है, लेकिन सरपंच-सचिव एवं पंचगण मवेशी बाजार को नीलामी नहीं होने देते हैं क्योंकि अगर बाजार का नीलामी होगी तो इनका ऊपरी कमाई बंद हो जायेगी। जनपद पंचायत को चाहिए कि धरमजयगढ़ में संचालित होने वाले दोनों मवेशी बाजार की खुली नीलामी करवाया जाये। चरखापारा मवेशी बाजार अगर नीलामी होती है। 5 साल में कई लाख रूपये राजस्व मिलेगा जिससे ग्राम पंचायत में बहुत सारा विकास कार्य होंगे ग्रामीणों की मांग को देखते हुए मवेशी बाजार को तत्काल नीलामी करवाना चाहिए ताकि बाजार से मिलने वाली राशि का बंदरबांट ना हो सकें।


आमापाली बाजार का भी हो पारदर्शिता के साथ नीलामी


धरमजययगढ़ मुख्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर संचालित होने वाला आमापाली मवेशी बाजार को भी सरपंच-सचिव द्वारा पारदर्शिता के साथ नीलामी न करते हुए दो साल से अपने चहते ठेकेदार को नाम मात्र राशि लेकर नीलामी में दे दिया गया था। ऐसा करने से आमापाली पंचायत को कई लाख रूपये का राजस्व क्षति हुआ है। ग्राम पंचायत सरपंच-सचिव द्वारा बाजार नीलामी में कर रहे मनमानी पर जनपद पंचायत अधिकारी को संज्ञान लेकर मवेशी बाजार की पारदर्शिता के साथ खुली नीलामी करवाना चाहिए ताकि सरपंच-सचिव मनमानी तरीके से अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के उदेश्य से बाजार न दे सकें। बाजार नीलामी के बारे में आमापाली सचिव से पूछने पर सचिव द्वारा नीलामी के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाते हंै सचिव का कहना है कि कौन सा पेपर में नीलामी की विज्ञापन प्रकाशित हुआ था इसकी जानकारी ठेकेदार ही बता पायेगा। अब आप खुद सोच सकते हैं कि सरपंच-सचिव ठेकेदार पर कितना मेहरबान है कि इनको यह तक मालूम नहीं है कि नीलामी सूचना कब और किस पेपर में प्रकाशित हुआ है। अब देखना है कि क्या सरपंच मवेशी बाजार नीलामी की खुली और पारदर्शिता के साथ नीलामी करवाते है या फिर किसी अपने चहेते को मामूली राशि लेकर बाजार सांैप देते हैं?

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