धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। संभागीय सभा रायगढ़ आंचलिक सभा धरमजयगढ़ शाखा सभा दर्रीडीह के अध्यक्ष मोतीलाल प्रधान की अध्यक्षता में सेमीपाली सामुदायिक भवन में बैठक आयोजित गई । जिसमें सेमीपाली निवासी कुछ लोगों द्वारा समाज विरोध कार्य करने के कारण समाज की रीतिरिवाज से अलग किया गया था। सामाजिक बहिष्कार मामले में समाज में मिलने के लिए समाज को शाखा सभा में आवेदन किया था। आवेदन पर विचार विमर्श करते हुए शाखा सभा क्षेत्र के विभिन्न ग्राम सभा ओंगना, आमापाली, तराईमार, पोटिया, दर्रिडीह, ने सर्वसम्मति बनाई गई। यह निर्णय लिया गया और इस समस्या को हल करने के पीछे तर्क यह दिया गया कि दर्रिडीह एक प्रगतिशील शाखा है और यहाँ सामाजिक सुधारों की परंपरा रही है।ऐसे में सामाजिक बहिष्कार जैसी कुरीति को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। समाज ने समाज के नियमों का पालन करते हुए समाज के रीतिरिवाज से बहिष्कृत प्रायश्चित के लिये सामाजिक संस्कार करते हुए पान प्रसाद ग्रहण कर एवं अपने इष्ट देवी श्री श्री रणेश्वर रामचंडी देवी मंदिर चरखापारा में पूजा अर्चना कर समाज में उनको पुनः शामिल किया गया। समाजिक रीति रिवाज से अलग रहने के चलते कोई भी परिवार शादी के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। अब शादी में समाज के रीतिरिवाज एवं चलाचल में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।समाज के नाम पर मुठ्ठीभर लोगों द्वारा किये गए अत्याचार यदि मनुष्य की गरिमा पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। शाखा सभा द्वारा अनुकरणीय पहल की समाज के हर क्षेत्र में भूरी- भूरी प्रसंशा हो रही है । उक्त बैठक में निरंजन प्रधान अध्यक्ष आंचलिक सभा धरमजयगढ़ एवं शाखा सभा पदाधिकारी, ग्राम सभा प्रतिनिधि भोजराम प्रधान, वासुदेव प्रधान, जोगी, मोहित, शौकीलाल सा, मार्कण्ड बारीक, बृक्ष प्रधान, माया राम, घासी राम प्रधान, दीनबंधु सा, जगबंधु सा, सुदर्शन गुप्ता, श्यामलाल गुप्ता, संकीर्तन गुप्ता, शाखा सभा ससकोबा के पूर्व उपाध्यक्ष राजा राम सा, सन्यासी सा, टिकेश्वर गुप्ता गुरुजी, रामचंडी मंदिर चरखा पारा पुजारी तीर्थो प्रधान, कृष्ण सा, मधुसूदन बारीक, किशोर देहरी, कौशल प्रधान, टीमन राम बारीक पूर्व सहसचिव आंचलिक सभा एवं रामचंडी मंदिर समिति सचिव, समाज हित में काम करने वाले सैकड़ों समाजबंधु उपस्थित थे।